देहरादून: अभिनव प्रयासों के बल पर ही समाज आगे बढ़ सकता है। अब देखिए ना देहरादून की जेल में बंद कैदी भी खाली नहीं बैठे हैं बल्कि दीपावली के लिए लाइट वाली झालरें तैयार कर रहे हैं। जी हां, इस दीपावली बहुत से घर ऐसे होंगे जो कैदियों की बनाई गई झालरों से रौशन होंगे। सुद्धोवाला जेल प्रशासन ने कैदियों को झालर बनाने का प्रशिक्षण दिया है।
गौरतलब है कि जेल सिर्फ ऐसी जगह नहीं होती जहां पर सजा काटी जाए। यहां पर प्रशासन तमाम तरह की गतिविधियां भी समय-समय पर कराता रहता है। इसी कड़ी में जेल प्रशासन ने कैदियों को हुनरमंद बनाने की मुहिम छेड़ी है। झालर बनाने का प्रशिक्षण मिलने के बाद कैदी झालर बनाने में पूरी तरह निपुण हो चुके हैं।
इतना ही नहीं कैदियों द्वारा बनाई गई झालर सेलाकुई की कंपनी को उपलब्ध करवाई जा रही है। जहां से इन्हें उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। जेलर पवन कोठारी ने बताया कि कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक एक महीने का प्रशिक्षण दिया गया। इससे यह होगा कि कैदी जेल से बाहर निकलकर गलत रास्ता ना चुनकर अपना काम शुरू करेंगे।
बता दें कि जेल प्रशासन ने सेलाकुई स्थित एलईडी व झालर तैयार करने वाली कंपनी औरा इनफिनी के साथ करार किया है। सिर्फ 10 दिन में कैदियों द्वारा बनाई गई हजार से अधिक झालर कंपनी को सप्लाई की जा चुकी हैं। फिलहाल 15 कैदियों को झालर बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है।
जेलर ने बताया कि कंपनी की ओर से जेल कोरा मटेरियल उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसका कैदी झालर बना रहे हैं। झालर बनाने के एवज में कैदियों को मेहनताना भी मिलेगा। गौरतलब है कि कई घरों में कैदियों द्वारा बनाई गई झालरें लगेंगी। यह वाकई एक अच्छा प्रयास है। इसके अलावा सुद्धोवाला जेल में इस समय कैदी पक्षियों के घरोंदे व गमले भी तैयार कर रहे हैं। कैदियों की ओर से बनाए गए घरौंदे व गमले बाजार में हाथों हाथ बिक रहे हैं।