हल्द्वानी: रोडवेज तो जैसे विवादों का घर हो गया है। हर रोज़ एक नया विवाद सामने आ रहा है। बहरहाल अब मुख्यालय एक्शन में आ गया है। हाल ही में रामनगर डिपो की बस में बेटिकट यात्री मिलने के सिलसिले में गाड़ी के चालक-परिचालक के अलावा अब चैकिंग करने वाले पांच जिम्मेदार अफसरों को बर्खास्त कर दिया है। डिपो के अफसरों की भूमिका को लेकर भी जांच पड़ताल शुरू हो गई है।
कुछ दिन पूर्व रामनगर डिपो की बस (यूके 07 पीए 4265), दिल्ली आनंद विहार से रामनगर की ओर आ रही थी। तभी रास्ते में रुद्रपुर डिपो की चैकिंग टीमों ने गाड़ी को रोकना चाहा। मगर चालक ने गाड़ी भगा दी। जिसके बाद गाड़ी को जोया के पास पकड़ा गया। जोया के पास टोल बैरियर पर गाड़ी पकड़ने के बाद जब चौकिंग हुई तो टीम हैरान रह गई।
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गाड़ी में सवारियां 35 थी मगर टिकट एक के पास भी नहीं थी। ऐसा इस तरह हुआ कि परिचालक ने टिकट काटा ही नहीं था। जिसके बाद परिवहन निगम को इस बारे में सूचना दी गई थी। सख्ती दिखाते हुए निगम ने परिचालक गौरव रघुवंशी व चालक अरविंद कुमार को सस्पेंड कर दिया था।
अब इसी कड़ी में मुख्यालय और भी सख्त हो गया है। मुख्यालय का कहना है कि चैकिंग को लेकर डिपो से लेकर मंडलस्तर पर लापरवाही बरती गई थी। आरएम यशपाल सिंह ने बताया कि लापरवाही को लेकर मुख्यालय ने पांच अफसरों को सस्पेंड कर दिया है।
नैनीताल रीजन के यातायात अधीक्षक नरेंद्र सिंह बिष्ट व अनिल सैनी, रामनगर डिपो के यातायात निरीक्षक आनंद कुमार, सहायक टीआइ नरेंद्र राम व तरसेम सिंह को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक नैनीताल रीजन में सिर्फ दो ही यातायात अधीक्षक थे। अब दोनों को सस्पेंड किए जाने के बाद पद खाली हो गया है। चेकिंग व्यवस्था को दुरुस्थ करने के लिए जल्द नई नियुक्ति की जाएगी।
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