लखनऊ: कोरोना वायरस के वजह से लगे लॉकडाउन और उसके बाद अनलॉक में हर राज्यों के परिवहन निगम के कर्मचारियों ने कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाई। कई राज्यों में रोडवेज कर्मियों को वेतन नहीं मिला है। वह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका कारण कोरोना है, जिसने विभाग की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बेबस कर दिया है। अनलॉक के लागू होने के बाद बसों के संचालन को शुरू किया गया लेकिन इस घाटे की भरपाई कब होगी इसका अनुमान लगाना काफी कठिन हैं। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य सड़क परिवहन निगम के रोडवेज संविदा चालक व परिचालकों को प्रोत्साहित करने की तरफ काम कर रही है।
भ्रष्टाचारी ना हो कर्मी
इस मुहिम की शुरुआत लखनऊ क्षेत्र से की गई है। इनमें कुछ शर्तों के साथ हर डिपो में हर महीने एक चालक व एक परिचालक को इनाम देने के साथ सम्मान भी दिया जाएगा। क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस ने कहा कि इस परम्परा को लखनऊ के तर्ज पर प्रदेश भर के बस डिपो में शुरू करने की तैयारी है। इस मुहिम के तहत 24 दिन ड्यूटी और 6000 किमी बस चलाकर सर्वश्रेष्ठ बन सकते हैं। इस दौरान कर्मी शून्य शिकायत और भ्रष्टाचार मुक्त व अच्छी कमाई करने वाला हो। ऐसे संविदा कर्मियों की हर डिपो पर सूची तैयार की जा रही है। बेहतर काम के बदले 250 रुपये का चेक का प्रशस्ती पत्र दिया जाएगा।
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इन 14 कर्मियों के नाम सूची में शामिल
चारबाग बस डिपो के चालक अलोक मिश्रा व परिचालक विनीत कुमार सिंह। इसी तरह कैसरबाग डिपो के अनिल कुमार व बलराम वर्मा, उपनगरीय के दिलीप कुमार प्रथम व फहीम अहमद, हैदरगढ़ डिपो के कमल किशोर व आशुतोष कुमार, अवध के विजय कुमार सिंह, संजेश कुमार, रायबरेली के वीरेंद्र यादव व पंकज कुमार मिश्रा, आलमबाग के परिचालक शिव शंकर व बाराबंकी के परिचालक सोनू कुमार को बेहतर काम करने की सूची में शामिल किया गया है।
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