हल्द्वानी: उत्तराखण्ड की प्रतिभा ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। पहाड़ के बच्चे ने एक बार फिर दिखाया है कि राज्य की प्रतिभा के पास घर से बाहर निकलकर देश का नाम रोशन करने का दम है। यह कारनामा किसी और नहीं बल्कि भारतीय बैडमिंटन का भविष्य कहे जाने वाले अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य सेन ने किया है। लक्ष्य सेन ने डेनमार्क के दूसरे वरीय विक्टर स्वेंडसन मात्र 34 मिनट में हराकर बेल्जियन अंतरराष्ट्रीय चैलेंजर के पुरुष एकल का खिताब अपने नाम किया। मैच की शुरुआत से लक्ष्य आक्रमक अंदाज में दिखाए दिए। उन्होंने विरोधी खिलाड़ी को ज्यादा मौके नहीं दिए। लक्ष्य ने फाइनल मुकाबला 21-14, 21-15 से अपने नाम किया। लक्ष्य का यही फॉर्म सेमीफाइनल में भी देखने को मिला था जहां उन्होंने सीधे सेटों में डेनमार्क के ही किम ब्रुन को 48 मिनट तक चले मुकाबले में 21-18 21-11 से शिकस्त दी। यह मुकाबला करीब 48 मिनट तक चला था।
इस जीत के बाद लक्ष्य ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि बेल्जियन इंटरनेशनल चैलेंजर का खिताब जीतकर उन्हें काफी खुशी है। इस जीत का श्रेय उन्होंने कोच और सपोर्ट स्टाफ को दिया। लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन की दुनिया में पिछले साल तहलका मचाया था। उन्होंने यूथ ओलिंपिक में पुरुष एकल में सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया था। वहीं मिक्स्ड टीम इवेंट में टीम एल्फा को गोल्ड मेडल दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा पिछले साल एशियन जूनियर चैंपियनशिप में उन्होंने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी कुनलवुत को हराकर खिताब अपने नाम किया था। पिछले साल जीते इन दो बड़े खिताब के बाद से ही खेल प्रेमी उनमें बैडमिंटन में भारत का भविष्य देखने लगे, जिसे वह काफी हद तक सही भी साबित कर रहे हैं।