हल्द्वानी, मंथन रस्तोगी: बेटियों द्वारा इतिहास रच दिया गया है। उत्तराखंड क्रिकेट की बेटियों ने वो कर दिखाया जिसका सपना सालों से क्रिकेट प्रेमी देख रहे थे। महिला टीम ने अंडर-19 वनडे ट्रॉफी जीत ली है। यह घरेलू क्रिकेट के किसी भी वर्ग में उत्तराखंड की पहली ट्रॉफी जीत है। इसे खास बनाया है हल्द्वानी की नीलम भारद्वाज ने, जो पूरे टूर्नामेंट में एक भी बार आउट नहीं हो सकी।
उत्तराखंड क्रिकेट टीम ने मध्य प्रदेश को अंडर-19 वनडे ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में आठ विकेट से हरा दिया है। इस जीत में नीलम भारद्वाज (56*) और ज्योति गिरी (26*) के बीच हुई नाबाद 84 रनों की साझेदारी अहम साबित हुई। पूरी देवभूमि इसके बाद से ही हर्ष महसूस कर रही है।
रामनगर की रहने वाली नीलम भारद्वाज का योगदान पूरे टूर्नामेंट में सराहनीय रहा है। नीलम ने फाइनल में भी 83 गेंदों में नाबाद 56 रनों की पारी खेली। इस पारी में नीलम के बल्ले से आठ चौके जड़े। खुशी की बात ये कि नीलम पूरे टूर्नामेंट में आउट ही नहीं हुई। नीलम ने चार मैचों में और अच्छे स्ट्राइक रेट से 180 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 23 चौके और एक छक्का निकला और उनका औसत 180 का रहा।
बता दें नीलम ने टूर्नामेंट में दो अर्द्धशतकीय पारी खेली। जिसमें सर्वाधिक 79 नाबाद रनों की पारी रही। जो कि पंजाब के खिलाफ आई थी। इसके अलावा नीलम ने सौराष्ट्र के खिलाफ नाबाद 14 रन, आंध्र प्रदेश के खिलाफ नाबाद 31 रनों की पारी खेली थी। मगर फाइनल में तो गजब ही हो गया। जब लग रहा था कि अब टीम नहीं जीत सकती। नीलम ने शानदार 56 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के शुरू के चार मैच बारिश के कारण धुल गए थे। जिस कारण टीम के सेमीफाइनल खेलने तक के चांसेज कम हो गए थे। मगर एक बार टीम जब मैदान पर उतरी तो सारे समीकरण धरे के धरे रह गए। उत्तराखंड की टीम ने एक-एक कर सौराष्ट्र, पंजाब और आंध्र प्रदेश को हराया। फिर फाइनल में भी मध्य प्रदेश को हराकर ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया।
कॉर्बेट क्रिकेट एकेडमी की प्रतिभाशाली क्रिकेटर नीलम भारद्वाज रामनगर जीजीआईसी में हाईस्कूल की छात्रा हैं। मालूम हो कि नीलम भारद्वाज अंडर-19 और अंडर-23 आयु वर्ग में उत्तराखंड के लिए प्रतिभाग कर चुकी हैं और चार बार नेशनल गेम में भी प्रतिभाग किया है। नीलम दाएं हाथ की बल्लेबाज होने के साथ मध्यम तेज गेंदबाज और शानदार फील्डिंग के लिए जानी जाती हैं।