देहरादून: कुछ दिन पहले उत्तराखंड सीनियर क्रिकेट टीम के 65 खिलाड़ियों की सूची हुई थी। इस सूची में शामिल खिलाड़ियों के बीच टूर्नामेंट होगा और फिर आगामी सीजन के लिए फाइनल टीम का चयन होगा। पिछले साल रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हो पाया था और इस साल बोर्ड ने तैयारी शुरू कर दी है। खिलाड़ी भी इसके लिए काफी उत्साहित हैं। हालांकि इस साल उत्तराखंड क्रिकेट टीम में बड़े बदलाव देखे गए हैं। सन्नी राणा, धनराज शर्मा और करणवीर कौशल को टीम में जगह नहीं मिली है। तीनों ही खिलाड़ी साल 2018 से टीम के सदस्य रहे थे। चयनकर्ताओं के फैसले से दिख रहा है कि अब वह युवा गेंदबाजों को मौका देने के इच्छुक है।
तीनों खिलाड़ियों के रिकॉर्ड शानदार है लेकिन प्रदर्शन निरंतरता की कमी देखने को मिली है। सन्नी राणा ने अपने आखिरी रणजी ट्रॉफी मुकाबले में 7 विकेट लिए थे। इसके बाद रणजी ट्रॉफी सीजन का कोई मैच नहीं खेला गया। सन्नी राणा उत्तराखंड की ओर से रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उनके खाते में 46 विकेट हैं। दूसरे स्थान पर दीपक धपोला हैं जिनके खाते में 45 विकेट हैं। साल 2019 रणजी ट्रॉफी सीजन में उत्तराखंड के लिए विकेट लेने के मामले में दूसरे स्थान पर थे। उनके खाते में 17 विकेट थे। साल 2020 में उन्हें बेस्ट गेंदबाज का अवॉर्ड भी मिला था। हालांकि सीमित ओवर क्रिकेट में राणा कुछ खास प्रभाव नहीं डाल पाए थे।
करणवीर कौशल का रिकॉर्ड वनडे में शानदार रहा तो वह रणजी ट्रॉफी में जूझते नजर आए थे। करणवीर कौशल उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने विजय हजारे में दोहरा शतक जड़ा था। वह ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज थे। साल 2018 से पहले विजय हजारे क्रिकेट इतिहास में किसी भी बल्लेबाज ने दोहरा शतक नहीं लगाया था। कौशल उत्तराखंड के लिए वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक 4 शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं। पहले सीजन के बाद से करणवीर के बल्ले से रन नहीं निकले। उनके पहले सीजन में किए कमाल के बाद लग रहा था कि वह आईपीएल में शिरकत करने वाले पहले उत्तराखंडी खिलाड़ी हो सकते हैं।
धनराज शर्मा उत्तराखंड के सबसे अधिक अनुभवी गेंदबाज है। पहले सीजन के बाद धनराज शर्मा भी फॉर्म में नहीं रहे थे। शर्मा ने रणजी ट्रॉफी के 12 मुकाबलों में 28 विकेट हैं। साल 2019 में खेले गए 4 रणजी मुकाबलों में उन्हें केवल 4 विकेट मिले थे। माना जा रहा है कि उनकी बढ़ती उम्र और फिटनेस भी उन्हें जगह नहीं मिलने की बड़ी वजह हो सकती है। सीनियर खिलाडिय़ों की तुलना में नए खिलाडिय़ों ने गेंद व बल्ले दोनों से खासा प्रभावित किया है। सीएयू के चयनकर्ता भविष्य के लिए सीएयू की मजबूत टीम बनाने के लिए नए खिलाड़ियों पर भरोसा जता रहे हैं। टीम को मजबूती देने के लिए तीन गेस्ट खिलाड़ी भी शामिल किए जा रहे हैं।