नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 7 जून से आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। यह मुकाबला लंदन के ओवल मैदान में खेला जाएगा। यह लगातार दूसरा मौका है जब टीम इंडिया डब्लूटीसी के फाइनल में पहुंची है। साल 2021 में भारतीय टीम को न्यूजीलैंड ने फाइनल मुकाबले में हराया था। इस बार भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से है। फाइनल मुकाबले में Duke की गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा। भारत में एसजी और ऑस्ट्रेलिया में कूकाबुरा की गेंद का इस्तेमाल टेस्ट क्रिकेट में होता है और दोनों ही टीमों के लिए DUKE की गेंद संभालना चुनौतीपूर्ण होगा।
आपकों बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में इस्तेमाल होने वाली कूकाबुरा बॉल की सिलाई मशीन से होती है। इसकी सीम सपाट होती है। भारत में इस्तेमाल होने वाली एसजी की सिलाई हाथों से की जाती है। ड्यूक की भी एसजी की तरह ही हाथों से ही सिलाई होती लेकिन इसमें पतले धागे होते हैं। ये तेज गेंदबाजों के लिए मददगार मानी जाती है क्योंकि ग्रीप अच्छा मिलता है। एसजी की गेंद में दोनों सिलाई के बीच गैप कम होता है जबकि ड्यूक में गैप होता है। इंग्लैंड में इस्तेमाल होने वाली DUKE गेंद लंबे समय तक स्विंग होती है। 50-55 ओवर तक ड्यूक गेंद स्विंग होती है। इंग्लैंड में आयोजित होने वाले मुकाबलों में आपने देखा होगा कि बल्लेबाज का किनारा काफी लगता है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के पास अच्छे तेज गेंदबाज है लेकिन इस गेंद को कंट्रोल करना आसान नहीं रहता है। भारतीय टीम में मोहम्मद शमी, उमेश यादव, मोहम्मद सिराज, जयदे उनादकट और शार्दुल ठाकुर हैं। जो स्विंग का लाभ उठा सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के लिए पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क की रफ्तार भारतीय गेंदबाजे ज्यादा है। ये बात ऑस्ट्रेलिया के पलड़ा भारी करती है लेकिन ये बात हर किसी को याद है कि भारत ने ऑस्ट्र्रेलिया को उसी की धरती में हराया था और ये भारतीय टीम को मनौविज्ञानिक रूप से फायदा दे सकता है।