
Uttarakhand Government : Employee Property Declaration : High Court Order : Asset Disclosure : Civil Servants : उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक अहम और चौकाने वाला आदेश जारी किया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी कर्मचारियों और उनके परिवार के चल और अचल संपत्ति का विवरण 15 दिसंबर तक देना अनिवार्य होगा। यह निर्देश सचिव कार्मिक शैलेश बगौली द्वारा बीते गुरुवार को जारी आदेश के माध्यम से दिया गया है।
आदेश के अनुसार सभी विभागाध्यक्ष और सचिव अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का सम्पूर्ण संपत्ति विवरण समय पर कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराएँगे। कर्मचारियों को अपनी नियुक्ति के समय की संपत्ति और वर्तमान संपत्ति का विवरण देना होगा….साथ ही पिछले 5 वर्षों में संपत्ति में हुई वृद्धि की जानकारी भी देनी होगी।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को केवल अपनी ही नहीं….बल्कि पति-पत्नी अवयस्क बच्चों, माता-पिता और अन्य आश्रित परिवार के सदस्यों की संपत्ति का विवरण भी देना होगा। आदेश का पालन न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम नैनीताल हाई कोर्ट की सख्ती के बाद उठाया गया है। कोर्ट ने कई जनहित याचिकाओं के तहत कर्मचारियों और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच के आदेश दिए थे। यह मामला विशेष रूप से जल निगम और अन्य विभागों में संपत्ति से जुड़े विवादों के कारण सामने आया। उदाहरण के लिए, देहरादून में यूपीसीएल के एक जेई पर आरोप लगे थे कि उन्होंने स्मार्ट मीटर लगाने का काम अपनी पत्नी की फर्म को दिया था….जिससे जांच मुख्य अभियंता स्तर पर चल रही है।
सरकार ने आदेश में स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों को जमीन, मकान, प्लॉट, फ्लैट, वाहन, सोना, चांदी, बैंक खाता, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश जैसी सभी संपत्तियों का विवरण देना होगा। इसी के साथ अविवाहित पुत्री समेत सभी आश्रित सदस्यों की संपत्तियों की जानकारी भी फॉर्म में दर्ज करनी अनिवार्य होगी।
इस कदम को राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार और संपत्ति से जुड़े गैरकानूनी लाभों को रोकने के लिए आवश्यक बताया है। सचिव कार्मिक ने सभी विभागाध्यक्षों और सचिवों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए अंतिम समय सीमा 15 दिसंबर तय की है।






