हमदोनों का रिस्ता कश्मीर की हसीन वादियों के बर्फीले सपनों सा नहीं ! जो तूफानों के आने से ढह जाएगा !...
जानती हूँ कि मैं अब किशोरी नहीं रही ! पर कोमलताएं मुझमें तब से अब कुछ ज्यादा हैं , हो सकता है ,तब...