हल्द्वानी: बारिश ने दिक्कतों का अंबार लगा दिया है। सीधे तौर पर बारिश के कारण रोडवेज के यात्रियों को भी दिक्कतें हो रही हैं। पिथौरागढ़ और टनकपुर के बीच की दूरी भी बारिश ने बढ़ा दी है। अब बसों को हल्द्वानी होते हुए जाना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि चल्थी के पास भारी मात्रा में मलबा आया हुआ है।
गौरतलब है कि मॉनसून सीजन में उत्तराखंड में आपदाओं को सिलसिला शुरू हो जाता है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं में इस बार भी वादियों में हलचल होने लगी है। इसी क्रम में उत्तराखंड रोडवेज के यात्रियों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई रास्तों पर बसें नहीं चल पा रही हैं। कई रूटों पर घूम कर जाना पड़ रहा है। जिससे समय भी ज्यादा लग रहा है।
बता दें कि हल्द्वानी से रीठा साहिब के लिए चलने वाली रोडवेज बस सेवा 23 अगस्त के बाद से ही बंद है। इसके साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ रूट पर जो रोडवेज बस सेवा चलती थी, वो भी नहीं चल पा रही है। चल्थी के पास भारी मात्रा में मलबा गिरने के कारण आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं।
अब इसी चक्कर से पिथौरागढ़-टनकपुर का रास्ता तय करने के लिए रोडवेज की बसों को पहले हल्द्वानी आना पड़ रहा है। फिर यहां से अपने गंतव्य के लिए निकलना पड़ रहा है। एक तो पहले ही बारिश का मौसम और ऊपर से रास्ते का इतना लंबा हो जाना, यात्रियों के लिए परेशानी तो काफी हो गई है।
दरअसल हल्द्वानी डिपो से प्रतिदिन रीठा साहिब के लिए चलने वाली बस वाया टनकपुर जाती है। जबकि टनकपुर डिपो की एक बस झूलाघाट पिथौरागढ़ चलती है। इसके अलावा पिथौरागढ़ डिपो की बस से यात्रीगण टनकपुर तक आते हैं।
मगर रास्ते में मलबे के कारण 23 अगस्त के बाद से बसों का टनकपुर से ऊपर जाना बंद है। टैक्सियां जैसे तैसे चल रही हैं लेकिन उनमें किराया बहुत अधिक है। इस बारे में रोडवेज अफसरों का कहना है कि एनएच अफसरों से संपर्क हो रहा है। रूट खुलते ही रीठा साहिब और वाया टनकपुर पिथौरागढ़ की सेवा शुरू हो जाएगी।
इधर, नैनीताल जिले में वीरभट्टी पुल पर मलबा आने से मुसीबत बनी हुई थी। रोडवेज की बसों को भवाली जाने के लिए पहले नैनीताल जावना पड़ रहा था। हालांकि अब मार्ग सुचारू हो चुका है। वरिष्ठ स्टेशन प्रभारी रवि शेखर कापड़ी के मुताबिक अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे पर फिलहाल दिक्कत नहीं है।