रुद्रपुर : स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई की बात की जाए तो नोटबुक व किताब की जरूरत सबसे अव्वल नम्बर पर है। लक्ष्य का मानना है कि इनके उत्पादन के लिए जंगलों का बहुत तेज़ी से दोहन किया जा रहा है। जंगल कटने से पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में पेपरलेस स्कूलिंग के लिए 16 वर्ष के लक्ष्य अग्रवाल ने डिजिटल नोटबुक का डिजाइन तैयार किया है। जो 20 हजार रुपये तक की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा।
कम उम्र में ज्यादा बस्तों का वजन होना भी सेहत पर बुरा असर डालता है। बच्चों की समस्या व प्रदूषण को गंभीरता से लिया और उसने डिजिटल नोटबुक पेश किया। इससे न केवल बच्चों पर बस्तों के वजन का बोझ कम होगा, बल्कि पेड़ और जंगल भी नहीं काटे जाएंगे।
नोटबुक डिजाइन कर रहे लक्ष्य अग्रवाल का कहना है कि सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर छात्र का सपना होता है। ऐसे में डिजिटल नोटबुक से स्टेशनरी का खर्च बहुत कम हो जाएगा। जिससे शिक्षा लेना आसान हो जाएगा जिससे समाज के हर वर्ग को आसानी होगी।
लक्ष्य के विचार
रुद्रपुर से फुलसुंगा निवासी महज 16 साल के लक्ष्य अग्रवाल की मानें तो छात्र शुरू होते ही पांच से 10 किलो का बैग बच्चों के कंधे पर लाद दिया जाता है। ऑनलाइन पढ़ाई में मोबाइल फोन व लैपटॉप की स्क्रीन आंखों पर खराब असर डालती है। ऐसे में लक्ष्य ने एक ऐसी डिजिटल नोटबुक व टैब डिजाइन किया जिससे बस्ते का वजन घटने के साथ ही आंखों पर भी खराब असर नहीं पड़ेगा।
नोटबुक डिजाइन कर रहे लक्ष्य ने बताया कि टीम इमेजिनेबल नामक संस्था के सहयोग से वह यह कार्य को रूप दे पा रहे है। इस कार्य में वह नियमित रूप से पांच से छह घंटे का समय दे रहे हैं।
लक्ष्य ने बताया कि जनवरी, 2021 तक यह टैब आम विद्यार्थी के लिए लांच करने की योजना है। इस कार्य में बीकानेर के एक 25 वर्षीय छात्र आनंद कोफाउंडर के बतौर सहयोग कर रहे हैं।
एक लाख पेज होंगे उपलब्ध
लक्ष्य ने बताया कि डिजिटल नोटबुक में करीब एक लाख से ज्यादा पन्ने उपलब्ध होंगे। इस डिजिटल नोटबुक में विभिन्न विषयों की किताबें भी उपलब्ध रहेंगी। नोटबुक पर अपनी खुद की ही हैंडराइटिंग में बिना स्याही वाले पेन से लिखा जा सकेगा।
खराब हैंड राइटिंग होने पर इसे कंप्यूटर की भाषा में बदला भी जा सकेगा। इस नोटबुक में इंटरनेट और कैमरा जैसी अन्य की सुविधा नहीं दी गई है।इससे छात्रों का मन किसी और दिशा में नहीं भटके और वह मन लगाकर अपनी पढ़ाई में ध्यान दे पाएँगे।