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बेटे अरविंद सिंह नेगी के संघर्ष की कहानी को सलाम कर रहा है देवभूमि उत्तराखण्ड


हल्द्वानी: अगर परिश्रम का कोई दूसरा रास्ता नहीं है तो कामयाबी भी परिश्रम करने वालों से ज्यादा दिन दूर नहीं रहती है। ये हमारे सामने बार-बार आता है कि जीवन में ठोकर खाकर कामयाबी के शिखर पर पहुंचने वाले लोग पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। उत्तराखण्ड में एक ऐसे ही युवक ने चाय बेचकर  PCS ऑफिसर बनने का सफर तय किया। उसके सामने तमाम बधाएं आई लेकिन वो उन बधाओं से डरा नहीं उनका मुकाबला किया और अपनी जिंदगी से ऑफसर बनने में बाध पैदा करने वाली सभी ताकतों को दूर फेंक दिया।

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पौड़ी जिले के नैनीडाडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत बड़ेथ निवासी अरविंद सिंह नेगी घर की सहायता करने के लिए कभी व्यापारी की दुकान में बैठ खाता-बही संभाली तो कभी पिता की छोटी-सी दुकान में बैठ चाय बेचने का काम किया। उसने ऑफिसर बनने का सपना देखा था लेकिन सबसे बड़ी चोट उसे तब लगी जब वो 12वीं में फेल हुआ। उसने हार नहीं मानी और आज वो आज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपी-पीसीएस लोअर) की परीक्षा पास कर श्रम प्रवर्तन अधिकारी बन गया है।

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अरविंद की कहानी संघर्ष से दूर कभी नहीं रही। उसने साल 2003 में हाईस्कूल की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की। वर्ष 2005 में इंटरमीडिएट की परीक्षा लेकिन वो फेल हो गया। उसने असफलता पर ध्यान देने से अच्छा सफलता को मूल लक्ष्य बनाने पर ध्यान दिया। उसकी इसी मेहनत ने हालात ही बदल दिए। इंडर पास करने के बाद मेरठ से ही बीकॉम व एमकॉम की डिग्री भी हासिल की। अरविंद ने पैसों के लिए नौकरी भी की लेकिन जब उसे लगा कि ये उसका कार्य नहीं है तो उसने   कार्य छोड़ फिर पिता का हाथ बंटाना शुरू कर दिया। साथ ही पीसीएस (लोक सेवा आयोग) की तैयारी भी करने लगे। काम के दौरान भी अरविंद का पूरा ध्यान मंजिल पर रहता था। वर्ष 2013 में पहली बार पीसीएस की परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली।

वर्ष 2015 में उन्होंने फिर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपी-पीसीएस लोअर) की परीक्षा दी। परीक्षा के परिणाम हाल ही में घोषित हुए हैं, जिसमें अरविंद का चयन श्रम प्रवर्तन अधिकारी के पद पर हुआ है। लेकिन, उसे अभी वर्ष 2016 में दी गई पीसीएस (अपर) परीक्षा के परिणामों का इंतजार है। जबकि, वर्ष 2017 पीसीएस का मेन एग्जाम देना भी बाकी है। पिता त्रिलोक सिंह नेगी को पूरी उम्मीद है कि अरविंद हर परीक्षा में सफल होंगे।

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