देहरादून: राज्य में सत्ताधारी पार्टी ने इस साल दो बार बड़े फेरबदल किए। प्रदेश की राजनीति में दोनों ही बार काफी उथल पुथल देखी गईं। त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद तीरथ सिंह रावत और अब पुष्कर सिंह धामी, साल 2021 में उत्तराखंड ने तीन मुख्यमंत्री देख लिए।
मुख्यमंत्री हटाए जाने को लेकर जो भी सवाल जवाब का सिलसिला चला उसे पूरे देश ने देखा। मगर साल की शुरआत में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब अपने दिल की टीस बयां की है।
When a CM is removed, it’s natural for people to raise questions. But it’s the responsibility of every party worker to abide by the party’s decisions. When questions are raised, it’s the responsibility of the party leadership to answer: Former Uttarakhand CM & BJP leader TS Rawat pic.twitter.com/3iYzUa3cJZ
— ANI (@ANI) August 14, 2021
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पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि जब एक सीएम को हटाया जाता है तो लोगों के लिए सवाल उठाना स्वाभाविक है। कार्यकर्ता की जिम्मेदारी बनती है कि पार्टी के फैसलों का पालन किया जाए। सवालों के जवाब पार्टी का नेतृत्व देता है।
गौरतलब है कि आठ मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली के लिए अचानक रवाना हुए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें वहां बुलाया था। 9 मार्च को दिल्ली से लौटते ही त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंप दिया था।
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इसके बाद 10 मार्च को भाजपा विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत को नया नेता चुना गया था। तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल भी बहुत छोटा रहा। उन्होंने संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए दो जुलाई को दिल्ली से लौटने के बाद राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया।
साल 2021 में दूसरी बार उत्तराखंड को नया सीएम मिला। तीन जुलाई को भाजपा ने खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया। तीरथ के बाद राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की कमान संभाली।
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