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उत्तराखण्ड में आधार कार्ड के चार नंबरों की कीमत करोड़ो में, मांजरा क्या है !


नई दिल्ली: देश में हर किसी के पास आधार कार्ड है। सभी को मालूम है कि आधार पर 12 अंक होते है जो मौजूदा दौर की एक पहचान है। अब हम ऐसी बात बताने जा रहे है जिस पर आपकों विश्वास नहीं होगा। उत्तराखण्ड में 12 अंक के होने वाले आधार के 4 नंबरों की कीमत करोड़ो है। चौकिए नहीं किसी ने आधार कार्ड की बोली नहीं लगाई है ये एक घाटाले की तरफ इशारा है। उत्तराखण्ड में कुछ दिन पहले परिवाहन का बड़ा घोटाला सामने आया है। जिसमें उत्तराखंड परिवहन निगम में विशेष श्रेणी की यात्राओं में लाखों रुपये कूी हैराफेरी हुई है। इस खेल में विशेष श्रेणी के अंतर्गत आने वाले सांसद और सैन्य कर्मियों के नाम पर 3,80,000 रुपये की मुफ़्त यात्रा की गई है जिसके बाद निगम ने इस मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है।

इसे घोटाले के तार कही और भी जुड़े है और आधार कार्ड ने उसपर से पर्दा हटा दिया है। सरकार ने 65 साल से ऊपर बुजुर्गों के लिए बस यात्रा मुफ्त कराई है। इसके लिए उन्हें अपना टिकट लेने के लिए आधार कार्ड देना होता है। लेकिन सामने आया है कि जो टिकट 12 अंक के आधार से मिलना चाहिए था वो केवल 4 अंकों से य़ात्री को दिया जा रहा था।

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इस घटना के सामने आने के बाद परिचालकों के अनुसार स्थानीय अधिकारियों द्वार दिए निर्देश पर ही वो मशीन पर 4 नंबर डालकर टिकट बनाते है। वहीं अधिकारियों ने इस बात से नकारते हुए अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है।

बता दें कि राज्य की बसों में हर माह डेढ़ लाख से अधिक बुजुर्ग यात्रा करते हैं। वहीं एक जनवरी 2018 से 31 मार्च 2018 तक 4,95,617 बुजुर्गों ने बस में मुफ्त यात्रा की है। इनमें 3,43,05,511 लाख रुपये खर्च आया है। 90 फीसदी बुजुर्गों ने आधार कार्ड के आधार पर यात्रा की है। इस दौरान परिचालकों ने उनके आधार कार्ड के अंतिम चार नंबर ई-टिकटिंग मशीन में ही अंकित किए। उनकी तरफ से कहा जा रहा है कि मशीन में चार नंबर डालने की ही व्यवस्था है। डिपो के स्थानीय अधिकारी भी इस तरह से बुजुर्गों के टिकट बनाए जाने की बात स्वीकार कर रहे हैं।लेकिन निगम मुख्यालय चार अंक के आधार पर बनाए जा रहे टिकटों को गलत बता रहे हैं। जेके शर्मा एजीएम रुड़की डिपो ने भी कहा है कि टिकट बनते वक्त 12 अंकों को अंकित करना चाहिए।

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