Uttarakhand News

भाजपा चिंतन शिविर खत्म होने के बाद सीएम तीरथ सिंह रावत को दिल्ली बुलाया गया


देहरादून: बड़ी खबर राजधानी से सामने आ रही है। भाजपा का तीन दिवसीय चिंतन शिविर के खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आलाकमान ने दिल्ली बुलाया है। वह बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे और इस वजह से बुधवार को उनके सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है।

 सूत्रों के मुताबिक, उपचुनाव पर राष्ट्रीय संगठन कर बातचीत सकता है। दायित्व बांटने को लेकर भी चर्चा हो सकती होने के आसार भी है। वहीं चिंतन शिविर पर भी सीएम तीरथ सिंह रावत ने साफ कर दिया था कि वह उपचुनाव जरूर लड़ेंगे और ये फैसला केंद्रीय नेतृत्व द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए तीरथ सिंह रावत का विधायक के रूप में चुना जाना जरूरी है। मार्च में जब उन्हें सीएम पद सौंपा गया था, तब वह सांसद के रूप में जनप्रतिनिधि थे।

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भाजपा के पास तीरथ सिंह रावत को विधायक बनाने के लिए सिर्फ सितंबर का वक्त है। इसलिए यह एक गंभीर मसला है। उत्तराखंड में हल्द्वानी और गंगोत्री  विधानसभा सीट खाली है। मुख्यमंत्री द्वारा कुछ दिन पहले दिया गया बयान भी इस तरफ इशारा करता है कि दिल्ली दौरे के खत्म होने के बाद उपचुनाव को लेकर स्थिति साफ हो पाएगी। इसके अलावा चिंतिन शिविर से निकले गए आउटकम और साल 2022 में होने वाले चुनाव को लेकर भी चर्चा होना तय है।

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भाजपा चिंतन शिविर खत्म होने के बाद सीएम तीरथ सिंह रावत को दिल्ली बुलाया गया


देहरादून: बड़ी खबर राजधानी से सामने आ रही है। भाजपा का तीन दिवसीय चिंतन शिविर के खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आलाकमान ने दिल्ली बुलाया है। वह बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे और इस वजह से बुधवार को उनके सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है।

 सूत्रों के मुताबिक, उपचुनाव पर राष्ट्रीय संगठन कर बातचीत सकता है। दायित्व बांटने को लेकर भी चर्चा हो सकती होने के आसार भी है। वहीं चिंतन शिविर पर भी सीएम तीरथ सिंह रावत ने साफ कर दिया था कि वह उपचुनाव जरूर लड़ेंगे और ये फैसला केंद्रीय नेतृत्व द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए तीरथ सिंह रावत का विधायक के रूप में चुना जाना जरूरी है। मार्च में जब उन्हें सीएम पद सौंपा गया था, तब वह सांसद के रूप में जनप्रतिनिधि थे।

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भाजपा के पास तीरथ सिंह रावत को विधायक बनाने के लिए सिर्फ सितंबर का वक्त है। इसलिए यह एक गंभीर मसला है। उत्तराखंड में हल्द्वानी और गंगोत्री  विधानसभा सीट खाली है। मुख्यमंत्री द्वारा कुछ दिन पहले दिया गया बयान भी इस तरफ इशारा करता है कि दिल्ली दौरे के खत्म होने के बाद उपचुनाव को लेकर स्थिति साफ हो पाएगी। इसके अलावा चिंतिन शिविर से निकले गए आउटकम और साल 2022 में होने वाले चुनाव को लेकर भी चर्चा होना तय है।

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