हल्द्वानी: राज्य ने सोमवार को 20 साल पूरे कर लिए हैं। बीते 20 सालों में उत्तराखंड ने काफी कुछ देखा है। राज्य की उन्नति पर वह गर्व महसूस करता है तो 2013 आपदा को सोचकर उसकी रूह अभी भी कांप उठती है। पिछले कुछ सालों में हमारा प्रदेश स्मार्ट बनने की तरफ बढ़ रहा है। युवाओं में अब नौकरी करने नहीं नौकरी देने की सोच पैदा हो रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस परेड कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कुछ बातों पर प्रकाश डाला। सबसे पहले उन्होंने पूरे राज्य को स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और देश की उन्नति में भी योगदान दे रहे हैं।
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उत्तराखंड कहा कि किसी भी राज्य के लिए 21 वर्ष ना तो ज्यादा है और ना ही कम हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद हमारे विकास की गति तेज हुई है। उन्होंने कहा कि हर दिशा में हमारी रफ्तार तेज है। उन्होंने इस दौरान महिलाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिक व्यवस्था महिलाओं पर ही निर्भर है। हम महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से उनकी मदद कर रहे हैं। राज्य में 30 हजार समूह है और उसमें से 18 हजार एक्टिव समूह हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार किसान, सहायता समूह व ग्रोथ सेंटर्स से जुड़े लोगों की मदद कर रही है और भविष्य की योजनाओं पर काम कर रही है। हम किसानों को शून्य ब्याज दरों में लोन भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर गांव के लोगों के जेब में पैसा होगा तो पर्वतीय क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग भी हो पाएगी। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाओ का भी जिक्र किया।
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अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा की प्रेमा भंडारी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रेमा भंडारी ने मात्र 500 रुपए में मशरूम का काम शुरू किया था और आज वह अपने कार्य से 30 हजार प्रति महीना कमा लेती हैं। अपना काम शुरू करने के बाद उनके पास दो स्कूटी भी है। उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाएं उद्यमी बनने की ओर बढ़ रही है। हमारी कोशिश रहेगी कि उनकी मदद की जाए औेर उन्हें संरक्षण दिया जाए। इस दौरान उन्होंने राज्य निर्माण में अपनी भूमिका निभाने वाले राज्यआंदोलनकारियों के बलिदान को भी नमन किया।
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