देहरादून: चारधाम यात्रा को लेकर जहां हर तरफ असमंजस की स्थिति है वहीं राज्य सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में यात्रा को जल्द अनुमति दिलवाने के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुमति याचिका वापिस ले ली है। सरकार चाहती है कि हाईकोर्ट में ही यात्रा शुरू करने की अनुमति मिले।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा पर सस्पेंस बरकरार है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था। कोर्ट यात्रियों की जान से खिलवाड़ नहीं करना चाहता जबकि सरकार को यात्रा बंद होने के कारण परेशान होना पड़ रहा है। सरकार पर लगातार विपक्षी दलों से लेकर तमाम व्यापारियों का भी दबाव है। व्यापारियों से लेकर तीर्थ पुरोहितों में भारी नाराजगी है।
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने हाल ही में कहा था कि उत्तराखंड में सब खुल गया बस एक चारधाम यात्रा को छोड़कर। मगर अब प्रदेश सरकार अनुमति लेने के लिए कदम तेज कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने एससी में दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) वापस ले ली है। उत्तराखंड सरकार की एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एओआर) वंशजा शुक्ला ने एसएलपी वापस लिए जाने की पुष्टि की।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सीटी रविशंकर की कोर्ट में उत्तराखंड सरकार बनाम सचिदानंदन डबराल व अन्य मामले में सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से वंशजा शुक्ला ने विशेष अनुमति याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। न्यायालय ने एसएलपी वापस लेने की परमिशन दी और साथ ही मामला भी खारिज हो गया।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई में देरी हो रही थी। जिससे यात्रा शुरू होने में और देर हो जाती। सरकार चाहती है कि हाईकोर्ट में ही चारधाम यात्रा संचालित करने का फैसला हो। उत्तराखंड सरकार के महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय में विचाराधीन मामले में पैरवी करेगी।
बता दें कि बुधवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उक्त मामले के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में निर्णय आने में देर लग रही है। सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेने की बात कही थी। गौरतलब है कि चुनाव आने वाले हैं और सरकार इस वक्त किसी को भी नाराज नहीं करना चाहती। इसलिए सरकार अब न्यायालय में नए सिरे से यात्रा शुरू करने के पक्ष में अपने तर्क रखना चाहती है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना था कि चारधाम यात्रा की सभी तैयारियां कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप पूरी कर ली गई हैं। एसएलपी वापस लेने के बाद अब सरकार हाईकोर्ट में मजबूत पैरवी करेगी। हमें उम्मीद है कि हाईकोर्ट का फैसला जनभावनाओं के अनुरूप होगा।