हल्द्वानी: वित्तीय वर्ष 2021-22 के शुरू होते ही शराब की कीमतें बढ़ जाएंगी। राज्य कैबिनेट ने नए वर्ष के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद शराब की कीमतें 10 से 15 फीसदी बढ़ेंगी। बता दें कि लॉकडाउन लगने के बाद लंबे अरसे तक शराब की दुकानें बंद थी। जिसकी वजह से सरकार को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार अपने घाटे को कम करने के लिए यह कदम उठाने जा रही है।
बता दें कि नई नीति में दुकान आवंटन की प्रक्रिया को भी तब्दील किया गया है। जानकारी के मुताबिक अब दुकानों के आवंटन के लिए ई-टेंडरिंग सेवा का इस्तेमाल किया जाएगा। दुकानों के राजस्व में भी कटौती कर दी गई है। साथ ही दुकानों के आवेदन शुल्क को अब 40 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 50 हज़ार कर दिया गया है।
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हाल ही में कैबिनेट के फैसलों पर सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आबकारी नीति के अंतर्गत सभी व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाया गया है। जानकारी के अनुसार यह नीति अगले दो सालों तक लागू रहेगी। जिसके तहत कई व्यवस्थाओं जैसे दुकानों के लाइसेंस से लेकर ब्रांड मंजूरी को ऑनलाइन किया गया है।
इसके अलावा मदन कौशिक ने जानकारी दी कि आबकारी राजस्व लक्ष्य को अलग रखा गया है। पहले साल यह लक्ष्य 3200 करोड़ रुपये रखा गया है। इसमें बीते वर्ष से 200 करोड़ रुपये कम किया गया है। ऐसे इसलिए भी क्योंकि सरकार को यह टार्गेट वसूलने में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जबकि अगले साल के लिए इसमें 400 करोड़ का इजाफा किया जाना तय हुआ है।
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आपको बता दें कि बीते वर्ष दुकानों के पूरी तरह आवंटन न होने के कारण इस बार इनकी संख्या 659 से घटाकर 619 कर दी गई है। इसके अलावा एक अहम खबर यह भी है कि अब देशी शराब की दुकानों पर तकरीबन दो साल के बाद फिर से बियर बेचने की व्यवस्था शुरू हो जाएगी।
बात अंग्रेजी शराब के गोदाम के लाइसेंस की करें तो इसकी फीस 12 लाख से बढ़ाकर 15 लाख और ब्रांड की लाइसेंस फीस 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की गई है। देशी शराब के गोदामों का शुल्क भी पांच लाख रुपए तय कर दिया गया है। इसके साथ ही नीति में दुकानों में ओवर रेटिंग व अवैध शराब की तस्करी को लेकर भी जुर्माने की व्यवस्थाएं बरकरार रखी गई हैं।
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