देहरादून: राज्य के नए मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बयानों में असहमति दिखाई दी है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के सीएम कुर्सी छोड़ने के बाद उन्होंने तीरथ सिंह रावत को अपना छोटा भाई बताया था। अब अपने कथित तौर पर छोटे भाई के फैसले से त्रिवेंद्र खासा खुश नज़र नहीं आ रहे हैं।
दरअसल कुंभ मेले में कोरोना की रोकथाम को लेकर दोनों के बयानों में बिल्कुल अलग एंगल देखे गए। एक तरफ सीएम तीरथ सिंह रावत हैं जिन्होंने श्रद्धालुओं के कुंभ मेले में आने के ऊपर कोई रोकटोक बाकी नही छोड़ी। तो दूसरी तरफ पूर्व मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कुंभ में कोविड-19 को लेकर किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।
साफ सी बात है की कोरोना के आने के बाद से ही कुंभ मेले के आयोजन के लिए तरह तरह के फैसले लिए गए। कुंभ मेला आयोजन के अंतराल तक को कम कर दिया गया था। लिहाज़ा चिंता तो भक्तों की उमड़ने वाली भारी भीड़ के वजह से बढ़ रही है। यही वजह भी है की अभी तक ना तो कुंभ की अधिसूचना जारी हुई है और ना ही इसके आकार को लेकर स्थिति स्पष्ट हुई है।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यकाल के दौरान कहा था कि श्रद्धालुओं को कुंभ में प्रवेश के लिए 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। साथ ही कुंभ मेले के पोर्टल पर भी ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। मगर सत्ता में परिवर्तन होते ही यह फैसला इधर का उधर हो गया। अब तीरथ सिंह रावत ने कह दिया है की कुंभ में आने के लिए कोरोना जांच रिपोर्ट अनिवार्य नहीं है। बस लोगों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
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माना यह भी जा रहा है कि पिछले दिनों से राज्य में कोरोना के मामलों में कमी आई है। जिसकी वजह से मौजूदा सरकार ने कुंभ में श्रद्धालुओं की आवाजाही बेरोकटोक करने का फैसला किया है। ऐसे में तीरथ सिंह रावत के इस फैसले पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने असहमति जताई है। त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि वैक्सीन भले ही आ गई है। मगर अब भी हर कोई वैक्सीन को लेकर जागरूक नहीं है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कुंभ में कोरोना को लेकर कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी भी महामारी का खतरा कम नहीं हुआ है। ऐसे में इस मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है। वैसे देश भर में कोरोना के मामले बढ़ने में लगे है। कई जगह लॉकडाउन लग रहा है। ऐसे में तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत में से किसका मानना ज्यादा सही है, यह कह पाना मुश्किल है।