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एक्शन में मुख्यमंत्री,शिकायत मिलने के बाद जिला सहकारी बैंक की भर्तियों पर लगाई रोक

देहरादून: जिला सहकारी बैंकों की नियुक्तियों में गड़बड़ी सामने आने के बाद शासन ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। राज्यमंत्री स्वामी यतीश्वरानंद और ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर ने शासन ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की बात कही थी। भर्तियों को लेकर अगला अपडेट शासन की ओर से दिया जाएगा। ये भी कहा जा रहा है कि प्रदेश सरकार की ओर से जल्द जांच के आदेश दिए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एंड कंपनी के इस फैसले के बाद साफ हो गया है कि गड़बड़ी की शिकायतों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।

बता दें कि देहरादून और हरिद्वार के दस जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के करीब 400 पदों पर पिछले एक महीने से भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। जिला सहकारी बैंक रुड़की की ओर से भी चपरासी एवं गार्डों के 34 पदों पर भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी की गई थी। इसके लिए एक हजार से ज्यादा युवाओं ने अप्लाई किया था। रुड़की के राजकीय इंटर कॉलेज में आवेदन करने वाले युवाओं का फिजिकल टेस्ट भी चल रहा था।

इस बीच उत्तराखंड में हुए राजनीति उथल पुथल के बाद सरकार बदल गई। नए राज्यमंत्री बने स्वामी यतीश्वरानंद और ज्वालापुर के विधायक सुरेश राठौर ने जिला सहकारी बैंक प्रबंधन पर भर्ती करने के लिए आवेदकों से करोड़ों रुपये लेने के आरोप लगाए। उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बारे में अवगत कराने के लिए पत्र भेजा और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी। इस पत्र को गंभीरता से लिया गया। इसके बाद निबंधक (सहकारी समितियां) बीएम मिश्र ने भर्ती प्रक्रिया को रोकने का आदेश जारी किया। वहीं जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन प्रदीप चौधरी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में कोई धांधली नहीं हुई है। ये आरोप हैं।

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