देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योग को भारत की विशिष्ट पहचान बताया है. उन्होंने कहा कि योग में मन और चित की मलिनता को दूर करने की ताकत है. योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है. महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है. हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है, योग के द्वारा हमारे ऋषियों ने इसकी राह प्रशस्त की है. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने गुरूवार को ऋषिकेश स्थित गंगा रिसोर्ट में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद एवं गढवाल मण्डल विकास निगम के संयुकत तत्वाधान में 01 मार्च से 07 मार्च तक आयोजित हो रहे अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने ऋषिकेश को योग की राजधानी बताते हुए कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है।
यह आत्मा को परमात्मा से मिलाने का सेतु भी है. योग जोडने का कार्य करता है. इसी का प्रतिफल है कि आज दुनिया योग को अपना रही है तथा योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है. योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है. हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी दुनिया में योग को विशेष पहचान दिलाने का कार्य किया है. जिससे आज भारत गौरवान्वित है. इसने दुनिया में भारत की पहचान बनाने का कार्य किया है. योगाचार्यों ने भी योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः अर्थात सब सुखी हो, सब निरोगी रहें हमारा धेय वाक्य रहा है. देश व दुनिया को इस लक्ष्य तक पहुंचाने की ताकत योग में है. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बीटल आश्रम (चैरासी कुटिया) का भी भ्रमण किया तथा वहां पर योग की शिक्षाओं एवं क्रियाओं की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र गंगा आरती में भी शामिल हुए. इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने करो योग रहो निरोग का सन्देश देते हुए लोगों को योग अपनाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष योग महोत्सव के लिए अधिक रजिस्ट्रेशन होने पर प्रसन्नता जाहिर की।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखण्ड में पर्यटन विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यटन विभाग योग एवं अध्यात्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उन्होंने 07 मार्च तक आयोजित हो रहे अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2019 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योग महोत्सव के लिए लगभग 1200 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. देश-विदेश के 44 योगाचार्य इस योग महोत्सव में आमंत्रित हैं.पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव दुनिया में योगा के प्रचार प्रसार में दुनिया के अन्दर ऋषिकेश को योगा की राजधानी बनने के साथ ही योगा के प्रचार प्रसार में अह्म भूमिका निभा रहा है. हम यह चाहते है कि योगा के क्षेत्र में भारत में जो विधाये एवं ज्ञान प्राप्त है वह पूरी दुनिया को मिले. उन्होंने कहा कि योग का अपने आप में बहुत महत्व है. आदि काल से योग ने हम सब को अपनी संस्कृति से जोड़ के रखा हुआ है. आज योग का महत्व पूरी दुनिया ने माना है. योग के क्षेत्र में भारत विश्व गुरू बने इसके लिये हम प्रयासरत है.
पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्र्यटन को बढावा देने के लिये राज्य सरकार होम स्टे योजना का विकास कर रही है. मुख्यमंत्री जी ने सन् 2020 तक 5000 होम स्टे का लक्ष्य रखा है. आज हम द्रोणागीरी एवं चोपता जैसे मनमोहक स्थलों का नाम सुनते हैं तो वहां जाना चाहते है परन्तु रहने की सुविधा जैसी परेशानियों के मद्देनजर हमें सोचना पड़ता है. होम स्टे जैसी योजना इन स्थलों को दुनिया के नजर में लाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
अभी तक हम 875 होम स्टे रजिस्टर्ड कर चुके हैं. और हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखण्ड के जो सुदूर क्षेत्र, रिमोर्ट एरिया है जो पर्यटन के क्षेत्र से काफी मनमोहक है रहने की असुविधा न हो इस वजह से होम स्टे जैसी योजना का विकास किया जा रहा है. सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने देश विदेश से आये योग उपासकों का स्वागत करते हुए कहा कि ऋषिकेश में पिछले तीन दशक से यह आयोजन हो रहा है जो हमारी पहचान बन गया है. हमारा उद्देश्य शास्वत एवं प्रमाणिक योग को जन-जन तक पहुंचाना है. इस महोत्सव के माध्यम से योेग की साधना एवं इस क्षेत्र में सहयोग देने वाले लोगों को पहचान दिलाने का भी कार्य किया जा रहा है।