हल्द्वानी: राज्य सरकार द्वारा आयोजित इन्वेस्टर सम्मिट की तैयारियां जोरों से चल रही है। आयोजन को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। वहीं राज्य सरकार के मंत्री इस इन्वेस्टर सम्मिट को राज्य के व्यापार व विकास का मील का पत्थर करार दे रहे हैं। उत्तराखंड में 7- 8 अक्टूबर को होने वाले इन्वेस्टर्स समिट पर राजनीति तेज़ होने लगी है। एक तरफ वित्त मंत्री प्रकाश पन्त ने इसे राज्य की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा है की राज्य में एक बड़ा निवेश होने जा रहा है जिससे उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य को बड़ा लाभ होगा, उनके मुताबिक अब तक करीब 74 हज़ार करोड़ के एमओयू साइन किये जा चुके हैं, जिससे उम्मीद की जा रही है की इस इन्वेस्टर्स समिट से राज्य के विकास को नयी दिशा मिलेगी।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के मुताबिक पीएम खुद इस इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा ले रहे हैं, और उम्मीद की जा रही है की इससे बड़े पैमाने पर बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा और राज्य की आर्थिक उन्नति के द्वार भी खुलेंगे, क्योंकि निवेशकों के आने का दौर लगातार जारी है एक बडा निवेश उतराराखण्ड में होने जा रहा है
वहीं नेता विपक्ष डॉ इन्दिरा ह्रदयेश ने कड़ा कटाक्ष करते हुए कहा कि ये इन्वेस्टर सम्मिट केवल ढकोसला है। राज्य में पर्यटन से आने वाली आय और राजस्व की पहले ही कमर टूट चुकी है। नैनीताल में पर्यटन उद्योग चौपट हो चुका है। जिम कॉर्बेट पार्क में पर्यटन उद्योग खत्म होने की कगार में है। सरकार राज्य में लगे पुराने स्थाई उद्योगों को सहूलियत प्रदान नहीं कर पा रही है तो नए इन्वेस्टर सम्मिट का क्या मतलब है ? नेता विपक्ष इन्दिरा ह्रदयेश के मुताबिक यह इन्वेस्टर सम्मिट केवल अडानी और अंबानी ग्रुप के लिए लगाया जा रहा है।