उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना वायरस के मामले अब परेशान करने लगे हैं। राज्य में लोग काफी डरे हुए हैं। कई जिलों से मामले भी सामने आए हैं कि लोग बुखार होने पर भी हॉस्पिटल जाने के बजाए घर पर ही इलाज कर रहे हैं, यह खतरें से खाली नहीं है। दूसरी ओर शासन की ओर से लोगों की सुरक्षा और जरूरत को देखते हुए आदेश दिए जा रहे हैं। उत्तराखंड सरकार ने जिला प्रशासन को महामारी एक्ट के तहत सख्ती के निर्देश दिए हैं।
कोरोना वायरस के मामले कम हो सकते हैं !
उत्तराखंड में बार्डर व चेक पोस्ट इलाकों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश पुलिस व प्रशासन को दिए गए हैं। इसके तहत बगैर जांच के किसी की भी एंट्री बैन की गई है। हर व्यक्ति की थर्मल जांच के बाद ही उसे एंट्री देने कहा गया है। लक्षण वाले व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। एएनआई के मुताबिक जिला प्रशासन बॉर्डर चेक पोस्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बॉर्डर डिस्ट्रिक्ट बस स्टैंड पर आने वाले सभी व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। दूसरे राज्यों से आने वालों का पंजीकरण होना आवश्यक है।
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यदि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण मिलते हैं तो उसे जिला प्रशासन की देखरेख में संचालि कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार की कोशिश है कि इस प्लान से कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक लग सकेगी।
उत्तराखंड में कोरोना वायरस का बढ़ता प्रकोप
उत्तराखंड में रविवार को राज्य में कोरोना के कुल 878 नए मामले आए, जबकि 855 संक्रमित मरीजों ने कोरोना को हराया, वहीं, 13 मरीजों की मौत हुई। देहरादून से सबसे ज्यादा 408 नए मामले आए, जबकि हरिद्वार से 176, पौड़ी से 55 टिहरी और नैनीताल से 48-48 मामले आए।
इसके अलावा उत्तकाशी 44, पिथौरागढ़ 31, अल्मोड़ा 17, चमोली 14, रुद्रप्रयाग 13, ऊधमसिंह नगर और चंपावत से 11 -11 और बागेश्वर से दो मामले आए। राज्य में अबतक 40963 मामले पॉजिटिव हैं, इनमें से 27828 स्वस्थ्य हो चुके हैं, जबकि विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 491 की मौत हुई है।