देहरादून: पुलिस अधीक्षक रूद्रप्रयाग प्रह्लाद मीणा ने शहीद पुलिसकर्मियों को 03 सितम्बर, 2018 को पुलिस स्मारक, हॉट स्प्रिंग पर सम्मानपूर्वक श्रद्धांजलि दी। बता दें कि तिब्बत से लगती 2500 मील लंबी सीमा की निगरानी की जिम्मेदारी वर्ष 1959 तक भारतीय पुलिस के पास ही थी। दस पुलिसकर्मियों के चीनी हमले में शहीद होने के बाद पुलिस को इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया था। 20 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के पूवरेत्तर में स्थित हॉट स्प्रिंग से लनक ला तक एक अभियान के सिलसिले में तीन टोही दलों को उस क्षेत्र में भेजा गया था जिनमें से दो दल वापस लौट आये जबकि एक दल नहीं लौटा। लापता पुलिसकर्मियों की तलाश में अगले दिन पुलिस अधिकारी कर्म सिंह के नेतृत्व में 20 पुलिसकर्मियों की एक टीम को भेजा गया। चीनी सैनिकों ने इस टीम पर हमला कर दिया जिसमें दस पुलिसकर्मी मौके पर ही शहीद हो गये जबकि सात अन्य घायल हो गये। चीनी सैनिकों ने सातों घायल पुलिसकर्मियों को बंदी बना लिया। शहीद पुलिसकर्मियों के पार्थिव शरीर चीन ने तीन सप्ताह तक अपने कब्जे में रखने के बाद लौटाये। इन सभी शहीद पुलिसकर्मियों का हॉट स्प्रिंग में ही पूरे पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों के जनवरी 1960 में हुए वार्षिक सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि 21 अक्टूबर को देश भर में हर साल पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जायेगा और कर्तव्य का निर्वहन करते समय जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों को इस दिन श्रद्धांजलि दी जायेगी। हॉट स्प्रिंग में पुलिस स्मारक बनाने का भी निर्णय लिया गया।
इस पुलिस स्मारक पर प्रत्येक वर्ष राज्य पुलिस एवं पैरा मिलैट्री फोर्स के संयुक्त दल द्वारा हॉट स्प्रिंग के शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाती है। प्रत्येक राज्य से एक पुलिस कर्मी का चयन होता है। इस बार उत्तराखण्ड से रुद्रप्रयाग जिले के एसपी श्री प्रह्लाद मीणा का चयन हुआ था। इस दिन पुलिस के जवानों को हॉट स्प्रिंग के शहीदों की तरह ही समर्पण और साहस के साथ काम करने की प्रेरणा मिलती है।