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शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी को कश्मीर ने फिर दिया दर्द,पहले घर छीना और अब सुहाग


हल्द्वानी: है कश्मीर पहले तूने मुझसे मेरा घर छीना और अब सुहाग, ये पुलवामा में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी के लिए कश्मीर एक बार फिर दर्द ही लेकर आया। शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी निकिता कौल कश्मीरी पंडित है। एक वक्त में उनका परिवार कश्मीर में ही रहता।

आतंक ने उन्हें अपना घर छोड़ने पर मजबूर किया। परिवार दिल्ली आ गया और पुराने जख्म भर गए। निकिता की जिंदगी में विभूति आए। महज 10 माह पहले दोनों का प्रेम विवाह हुआ। लेकिन नियति को निकिता के लिए कुछ और ही मंजूर था। जिस कश्मीर और आतंक से उन्होंने पीछा छुटाया था, उसने उन्हें जिंदगी का सबसे बड़ा दुख दे दिया और विभूति उनकी जिंदगी से हमेशा के लिए दूर हो गए। सोमवार को पुलवामा में पति मेजर विभूति आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए।

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जिस वक्त खबर सामने आई उस वक्त पत्नी निकिता देहरादून से दिल्ली की ओर जा रही थी। वो ट्रेन पर ही थी कि उन्हें पति के शहादत के बारे में पता चला। ट्रेन में उनके साथ कोई नहीं था। किसी तरह उन्होंने भावनाओं को काबू रखा और दिल्ली पहुंचकर इस बारे में परिजनों को बताया। फिर परिजनों के साथ दोबारा वापस दून आईं। दून में पहुंची तो पति का पार्थिव शरीर उनके सामने लाया गया। निकिता दिल्ली में जॉब करती थी और हर विकेंड अपने ससुराल देहरादून जाती थी।

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शहीद विभूति के पार्थिक शरीर से लिपटकर वह बस यही पूछ रहीं थी, कि वह उन्हें अकेला छोड़कर क्यों चले गए। निकिता के परिवार के लिए कश्मीर अब ऐसा जख्म देकर गया जिसकी शायद ही कोई कल्पना कर सकता है। निकिता से पति ने अप्रैल में घर आने का वादा किया था लेकिन देश को सुरक्षा के वादे को निभाते हुए वो शहीद हो गए। पूरे परिवार में मातम छा गया है। मेजर विभूति परिवार के एकलौते चिराग थे। उनकी तीन बहने है।

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