नैनीतालः 28 जुलाई 2018 को हुए दुष्कर्म ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया था। अब इस मामले में 10 साल की मासूम को 13 महीने बाद इंसाफ मिला है। लेकिन मासूम अब इस दुनिया में नहीं है। उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को नैनीताल हाईकोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी है।
बता दें कि मामला 28 जुलाई 2018 का है। दून के सहसपुर में एक निजी कॉलेज का निर्माण चल रहा था। जहां जयप्रकाश नाम का युवक मजदूरी करता था। मासूम के पिता भी यहीं पर मजदूरी करते थे। घटना वाले दिन आरोपी जयप्रकाश ने मासूम को दस रुपये देने का लालच देकर अपने पास बुलाया। इसके बाद जयप्रकाश उस मासूम को निर्माणाधीन भवन के कोने में ले गया। उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद मासूम की गला घोंटकर हत्या कर दी। मासूम की लाश को आरोपी ने अपने कमरे में ही छुपा रखा था। उसने कमरे के नीचे गड्ढा खोदकर बच्ची की लाश छुपाई, और गड्ढे के ऊपर पत्थर और सीमेंट के बोरे रख दिये। इतना ही नही मासूम की मौत के बाद भी आरोपी उसके साथ दुष्कर्म करता रहा।
बच्ची के लापता होने पर माता-पिता पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वो आखिरी बार जयप्रकाश के साथ दिखी थी। बता दें कि बीते अगस्त महीने में विशेष पोक्सो जज रमा पांडेय की अदालत ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह और न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने सुनवाई की। हाईकोर्ट ने निचली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। और आरोपी को फांसी की सजा सुना दी है।