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उत्तराखंडः कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू,शिक्षक न होने से छात्रों को हो रही परेशानी


उत्तराखंडः कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू,शिक्षक न होने से छात्रों को हो रही परेशानी

नैनीतालः कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के बाद से महाविद्यालय और स्कूल बंद हैं। परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। लेकिन प्रदेश सरकार ने महाविद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई तो शुरू करा दी है, लेकिन विषयों के शिक्षक के न होने के चलते छात्रों को पढ़ाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुमाऊं विश्वविद्यालय छात्र महासंघ के सचिव चेतन चम्याल ने इस मामले में उच्च शिक्षा निदेशक डाॅ.कुमकुम रौतेला से मुलाकात की और उन्हें छात्र छात्राओं को हो रही दिक्कतों से अवगत कराया। चेतन का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई तो शुरू हो गई है लेकिन शिक्षकों के न होने के वजह से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

चेतन चम्याल का कहना है कि प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओं की 17 अगस्त से ऑनलाइन पढाई शुरु हो गयी हैं। इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय से सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य को आदेश दिया गया है। महाविद्यालय के प्राचार्यों ने समय बना कर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू तो कर दी हैं, लेकिन महाविद्यालयों में विषयों के शिक्षक न होने के कारण ऑनलाइन कक्षाओं में काफी परेशानी हो रही हैं।

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पहाडों के दूरस्त महाविद्यालयों में लगातार पाँच सालों से गेस्ट प्राध्यापकों ने शिक्षण व्यवस्था को बड़े ही अच्छे से निभाया है, लेकिन प्रत्येक वर्ष सत्र या परीक्षा समाप्ति के बाद 30 जून को इन्हें एक महीने का ब्रेक दे दिया जाता था। इस बार ढेड़ महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी इन गेस्ट प्राध्यापकों को सेवाविस्तार नहीं दिया गया है। वहीं महाविद्यालयों में ऑनलाइन प्रवेश के बाद ऑलाइन कक्षाएं भी प्रारंभ हो चुकी हैं।

चेतन चम्याल ने डा. कुमकुम रौतेला से बात करी और उनको बताया कि शिक्षकों के अभाव में छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने महाविद्यालयों में छात्र छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्द ही शिक्षकों को भेजने के लिए कहा।और साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर जल्द ही शिक्षकों को नहीं भेजा गया तो छात्र महासंघ आंदोलन करेंगे।

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