नैनीतालः उत्तरांचल यूनिवर्सिटी देहरादून के कुलपति प्रो. एनके जोशी अब कुमाऊं विश्वविद्यालय के नए कुलपति बन गए हैं। कुलाधिपति बेबी रानी मौर्य की ओर से इसका आदेश जारी किया गया है। कुलाधिपति की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नियमित कुलपति के पद के लिए चयन कमेटी की संस्तुति के तहत कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर प्रोफेसर एनके जोशी की नियुक्ति की गई है।
बता दें कि प्रो. एनके जोशी बागेश्वर के कौसानी के रहने वाले हैं। उन्होंने नैनीताल के डीएसबी से 1981 में फिजिक्स से एमएससी की थी। इतना ही नही प्रो. जोशी बोस्टन एमआईटी के स्टूडेंट रहे हैं। वे उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बनने से पहले इसी विश्वविद्यालय में डीन भी थे। इतना ही नही वैंकटेश्वर यूनिवर्सिटी में वीसी, अमेरिका की मिशौरी यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के एचओडी रहने के साथ ही तीर्थांकर महावीर यूनिवर्सिटी और वनस्थली यूनिवर्सिटी में डायरेक्टर भी रहे हैं। प्रो. जोशी के कई शोधपत्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जनरल में प्रकाशित हो चुके हैं। वह विश्वविद्यालय के 29 वें कुलपति होंगे। प्रो. जोशी सोमवार को कार्यभार संभाल सकते हैं। कुमाऊं विवि में नियुक्त किए जाने के बाद उन्होंने उत्तरांचल यूनिवर्सिटी से कुलपति के पद से इस्तीफा दे दिया है।
कुविवि के पूर्व कुलपति प्रो. केएस राना ने कुछ दिन पहले स्वास्थ्य कारणों की बात कहकर आगे काम न करने की इच्छा जताई थी। उनका कार्यकाल 14 मई को समाप्त हो रहा था। इसके बाद रविवार को कुलाधिपति बेबी रानी मौर्य ने पत्र जारी कर प्रो. एनके जोशी को कुलपति के पद पर नियुक्त किया है। पूर्व कुलपति प्रो. केएस राना ने अपने कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए थे। और अब प्रो. एनके जोशी भी कुलपति का कार्यभार संभालते हुए कुमाऊं विश्वविद्यालय में शिक्षा के लिए कई बड़ें फैसले ले सकते है। ताकि पढ़ाई के क्षेत्र में कुमाऊं विश्वविद्यालय नई बुलंदियों को छुुए। एनके जोशी का सपना है कि वे सबी समस्याओं से विवि को उबारने में अपनी पूरा ताकत झोंक देंगे। उन्होने कहा कि उनकी प्राथमिकता ऑनलाइन और ऑफलाइन कोर्स पूरा करवाने पर और परीक्षाएं संपन्न कराने पर होगी। उनका कहना है कि छात्र-छात्राओं कि लिए एक बेहतरीन शैक्षिक प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा जिसके चलते उनको बाहर पढ़ाई के लिए ना जाना पडे।