Uttarakhand News

उत्तराखंडः संपत्ति के लालच में बेटे ने दी पिता की हत्या की सुपारी


देहरादूनः रुड़की से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी के होश उड़ा दिए हैं। जहां आदर्श नगर के कारोबारी के बेटे ने ही संपत्ति के लालच में पिता की हत्या कराने के लिए 10 लाख रुपये की सुपारी दी थी। पिता का अपने भाई और भतीजों के प्रति लगाव होने पर बेटे ने यह साजिश रची थी। इस मामले में पुलिस ने बेटे और हमले की योजना में शामिल तीन आरोपित गिरफ्तार किए हैं। दो शूटर समेत चार लोग फरार हैं। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बाइक और तमंचा बरामद किया है।

एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि 29 जनवरी की रात को दुकान से घर लौट रहे मिठाई कारोबारी रामपाल को बाइक सवार बदमाश गोली मारकर फरार हो गए थे। कारोबारी के सिर और पीठ में दो गोली लगी थी। देहरादून के अस्पताल में घायल का उपचार जारी है। इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह, एसआइ अंकुर शर्मा और एसओजी प्रभारी रविंद्र सिंह को जांच में पता चला कि घटना में कारोबारी के बेटे विपिन का हाथ है। विपिन अपने पिता से अलग रहता है। पुलिस ने इसी आधार पर विपिन को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कि संपत्ति के लालच में उसने ही अपने ममेरे भाई मनोज निवासी ग्राम मछेरी, थाना दौराला मेरठ और उसके गांव के ही दोस्त गुरविंद्र राठी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।

विपिन ने इसके लिए गुरविंद्र को 10 लाख की सुपारी दी थी। गुरुविंद्र ने अपने दोस्त प्रमोद जाट निवासी धर्मावाला थाना विकासनगर को योजना में शामिल किया। प्रमोद जाट ने अपने यहां नौकरी करने वाले छोटा निवासी सिसौली और एक अन्य शूटर को हत्या के लिए तैयार किया। प्रमोद जाट ने अपने परिचित बाइक मैकेनिक शहजाद निवासी नौगांव, थाना मिर्जापुर, सहारनपुर को भी अपने साथ मिलाया। 

29 जनवरी को छोटा और एक अन्य शूटर बाइक से आदर्श नगर पहुंचे। विपिन ने छोटा को तमंचा दिया और रैकी की। कारोबारी के दुकान से निकलते ही शूटर छोटा ने कारोबारी को दो गोली मारी और फरार हो गए। घटना के बाद शहजाद और प्रमोद जाट को उनके घर से दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। एसपी देहात का कहना है कि दो शूटर समेत अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। घटना में शामिल आरोपित पुलिस को चकमा देने के लिए वाट्सएप पर बात करते थे। यही नहीं घटना के बाद गुरविंद्र और प्रमोद जाट इलाहाबाद चले गए थे। ताकि कोई उन पर शक न करे। विपिन भी लगातार कोतवाली आता रहा, लेकिन पुलिस को चकमा नहीं दे सके।

To Top