काशीपुर: राज्य सरकार ने जनता को इलाज में मदद के लिए अटल आयुषमान योजना शुरू की। इस योजना के तहत इलाज के लिए लोगों को 5 लाख तक बीमा दिया गया। राज्य सरकार की योजना हर वक्त सुर्खियों में रहती है। कई बार देखने को मिला है कि हॉस्पिटल अटल आयुषमान कार्ड को लेते नहीं है। वहीं एक मामला काशीपुर से सामने आ रहा है, जहां दो हॉस्पिटलों पर अटल आयुषमान योजना के तहत फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है। दोनों के खिलाफ काशीपुर कोतवाली में एफआईआर लिखी जा रही है। एफआईआर लिखना पुलिस के लिए सिरदर्दी बन गई है क्योंकि उसे लिखने में एक हफ्ते का वक्त लगने की बात सामने आ रही है। फिलहाल एफआईआर लिखने में 4 दिन बीत चुके हैं।
खबर के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच के दौरान रामनगर रोड स्थित एमपी अस्पताल और तहसील रोड स्थित देवकी नंदन अस्पताल में भारी अनियमितताएं मिली थीं । जांच के दौरान पाया गया कि दोनों हॉस्पिटलों के संचालकों ने रोगियों के नाम पर अपनी जेब भरी। दरअसल हॉस्पिटल में फर्जी बिलों का क्लेम सरकार से वसूला जा रहा था। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने पाया कि अस्पतालों में रोगियों के डिस्चार्ज होने के बाद भी उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती दिखाया गया। आईसीयू में क्षमता से अधिक रोगियों का उपचार दिखाया जा रहा था।
अस्पताल की क्षमता से कई गुना अधिक डायलिसिस केस एमबीबीएस डॉक्टर की ओर से किया जाना बताया गया। इस तरह के फर्जीवाड़े के बहुत सारे मामले स्वास्थ्य विभाग की टीम को मिले। इन सभी मामलों का विस्तृत ब्यौरा एफआईआर में लिखा जा रहा है। अंग्रेजी और हिंदी में भेजी गई दोनों की एफआईआर लिखने में मुंशियों के पसीने छूट रहे हैं।इस रिपोर्ट को लिखते-लिखते चार दिन गुजर चुके हैं और बताया जा रहा है कि इसे पूरा लिखने में दो-तीन और लग सकते हैं। काशीपुर कोतवाली के इतिहास में ही नहीं, बल्कि माना जा रहा है कि उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी एफआईआर लिखी जा रही है।