देहरादून: राज्य में उत्तर प्रदेश की बसों की एंट्री फिलहाल नहीं होगी। यह उन लोगों के लिए झटका है जिन्हें उम्मीद थी कि राज्य में उत्तर प्रदेश की बसें उत्तराखंड के लोगों को भी सेवा देने लगेगी। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अनुरोध पर कोई फैसला नहीं लिया है। लॉकडाउन के बाद से बसों का संचालन बंद था। जून के आखिरी हफ्ते में उत्तराखंड में केवल राज्य के अंदर बसों का संचालन शुरू हुआ। उत्तराखंड की बसें यात्रियों को बॉर्डर पर छोड़ रही है और वह वहां से दूसरे राज्यों की बस की सेवा लेकर यात्रा पूरी कर रहे हैं।
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राज्य के परिवहन सचिव शैलेश बगौली का कहना है कि राज्य में तेजी से बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तराखण्ड में बसें संचालित करने के लिए आए यूपी के प्रस्ताव को अभी फिलहाल मंजूरी न देने का निर्णय किया गया है। इस फैसले के बाद साफ है कि यूपी की बसों को उत्तराखंड में आने के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। बता दें कि यूपी परिवहन निगम ने उत्तराखंड में अपनी बसें संचालित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजकर अनुमति मांगी थी, साथ ही उत्तराखंड की बसों को भी यूपी में संचालित करने को कहा था।
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इसके अलावा ये भी खबर सामने आ रही है कि उत्तराखंड को यूपी के बजाए दिल्ली में बस सेवाएं शुरू करने में ज्यादा फायदा है क्योंकि उत्तराखण्ड परिवहन निगम की अधिकांश बसें विभिन्न डिपो से दिल्ली के लिए संचालित की जाती है। इसके अलावा दिल्ली तक बसें संचालित होने से जहां उत्तराखण्ड रोडवेज की बसें अपने निर्धारित गंतव्य स्थान तक पहुंच सकेगी और उन्हें यूपी बार्डर से ही वापस नहीं लौटना पड़ेगा वहीं इसका असर रोडवेज की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा।
बसों के संचालन हेतु राज्य के लोग लगातार मांग कर रहे हैं। कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अनलॉक-4 में सरकार ने बाहर से आने वालों को छूट दी हुई है। इसे देखते हुए कोई भी फैसला जल्दीबाजी में लेने के पक्ष में नहीं हैं। दूसरे राज्यों में बसें जाएंगी तो कोरोना जांच ठीक से हो, इसकी कोई गांरटी नहीं ले सकता है और यह डर सरकार को सता रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश के परिवहन अधिकारियों का कहना है कि नवरात्र से पहले बसों के संचालन के लिए अनुमति मिलने की उम्मीद है।