देहरादूनः यूं तो देवभूमि उत्तराखंड पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। लेकिन आज भी यहां के कुछ गांव ऐसे हैं जहां खूबसूरत वादियां तो हैं लेकिन चलने के लिए सड़क नहीं हैं। इसके चलते कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। सड़क ना होने की वजह से एक बार फिर एक घायल महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को 12 किलोमीटर का सफर बर्फीले रास्ते पर चलकर तय करना पड़ा। घटना चमोली के किमाणा गांव की है।
बता दें कि किमाणा गांव जोशीमठ विकासखंड के अंतर्गत आता है। रविवार को गांव में रहने वाली गायत्री देवी जंगल में घास लेने गई थी। इसी दौरान पैर फिसलने की वजह से वो गिर गई। सोमवार सुबह ग्रामीणों ने घायल महिला को कुर्सी में बैठाया और अस्पताल के तरफ बढ़े। छह घंटे और 12 किलोमीटर बर्फीले रास्ते पर लगातार पैदल चलने के बाद कहीं जाकर ग्रामीण लंगसी गांव पहुंचे। बाद में महिला को वाहन से गोपेश्वर भेजा जो कि लंगसी से 40 किलोमीटर दूर है। किमाणा गांव में सड़क होती तो लोगों को पैदल चलने को मजबूर ना होना पड़ता।
गांव के लोगों का कहना है कि गांव में सड़क स्वीकृत हुए दस साल हो गए हैं, लेकिन सड़क निर्माण के नाम पर अभी तक सिर्फ रोड कटिंग का काम ही हो पाया है। बर्फबारी की वजह से पैदल रास्ता जानलेवा बन जाता है।