नैनीतालः पिथौरागढ़ से एक दुखद घटना सामने आई है। जहां 28 साल की रेनू रौतेला ने सुरक्षित प्रसव की लड़ाई तो जीत ली, लेकिन जिंगगी की जंग हार गई। एक स्ट्रेचर ना मिलने की वजह से रेनू की मौत हो गई।
बता दें कि घटना बीते शनिवार की है। बागेश्वर की रहने वाली रेनू रौतेला को उनके परिवारवाले जिला अस्पताल लेकर आए थे। रेनू प्रेग्नेंट थी। उनका परिवार नरगोली इलाके में रहता है। गुरुवार को रेनू ने ऑपरेशन से एक बच्ची को जन्म दिया। तीन दिन तक वो महिला वार्ड में भर्ती रही। शनिवार को अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें दूसरे वार्ड में जाने के लिए कहा। दूसरे वार्ड तक जाने के लिए रेनू को स्ट्रेचर की जरूरत थी, लेकिन उसे स्ट्रेचर नहीं मिला। वो पैदल ही दूसरे वार्ड में जाने लगीं। जो कि अस्पताल भवन के निचले वार्ड में था। इसी दौरान रेनू सीढ़ियों से गिर गई। थोड़ी देर बाद रेनू की मौत हो गई।
घटना के बाद रेनू के परिवारवालों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि रेनू की हालत खराब थी, फिर भी अस्पताल प्रबंधन ने उसे ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं दिया। इस वजह से रेनू की जान चली गई। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में रोगियों की संख्या ज्यादा थी, जिस वजह से महिला को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा था।
महिला की मौत घबराहट की वजह से हुई। घबराहट के चलते महिला सीढ़ियों से गिर गई थी। उसके हृदय और किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। वहीं घटना को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है।