Uttarakhand: Buses: Delhi: दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ती समस्या के चलते उत्तराखंड रोडवेज में यात्रा करने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। उत्तराखंड परिवहन निगम की करीब 300 पुरानी डीजल बसों का शनिवार से दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह बसें बीएस-3 और बीएस-4 श्रेणी की हैं। दिल्ली सरकार ने पिछले तीन वर्षों से उत्तराखंड परिवहन निगम को इस संबंध में चेतावनी दी थी, लेकिन निगम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
दिल्ली सरकार द्वारा दी गई चेतावनियों के बावजूद कार्रवाई में देरी
दिल्ली सरकार ने 2021 से विभिन्न राज्यों के परिवहन निगमों को पत्र भेजकर इन पुरानी डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध की चेतावनी दी थी। 1 अक्टूबर से यह प्रतिबंध लागू करने की योजना थी, और अगस्त 2024 में भी उत्तराखंड परिवहन निगम को एक चेतावनी पत्र भेजा गया था। इसके बावजूद निगम ने इस मुद्दे को नज़रअंदाज़ किया, जिसके परिणामस्वरूप अब बसों का संचालन बंद करना पड़ा है।
उत्तराखंड परिवहन निगम को होने वाला भारी नुकसान
उत्तराखंड रोडवेज का दिल्ली रूट प्रमुख और लाभकारी रूट है, जहां से निगम की 60 प्रतिशत से अधिक कमाई होती है। बीएस-4 श्रेणी की बसों के बंद होने से रोडवेज को प्रतिदिन लगभग 30 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि, निगम अधिकारियों का कहना है कि इन बसों को उत्तराखंड और अन्य राज्यों में चलाया जाएगा, लेकिन दिल्ली रूट से हटने से यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
दिल्ली में प्रवेश करने योग्य बसों की संख्या सीमित
वर्तमान में उत्तराखंड परिवहन निगम के पास 90 बीएस-6 डीजल और 162 अनुबंधित सीएनजी बसें हैं, जो दिल्ली जाने के योग्य हैं। इन बसों के अलावा, दिल्ली के लिए चलने वाली 540 बसों में से 288 बसों को अब दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी।
यात्रियों के लिए बढ़ी परेशानी
दिल्ली जाने वाली इन पुरानी डीजल बसों का संचालन रुकने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, निगम ने इन बसों को अन्य मार्गों पर चलाने की योजना बनाई है, जिससे यात्री भले ही दिल्ली न जा पाएं, लेकिन उत्तराखंड और अन्य राज्य मार्गों पर इनकी सेवा जारी रहेगी।