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इस परिवार के लिए कहर बनकर टूटा साल का दूसरा दिन, देश के लिए शहीद हुआ गंगोलीहाट का बेटा


हल्द्वानी: नए साल का दूसरा दिन उत्तराखण्ड के लिए बुरी खबर ले कर आया। देवभूमि के एक और लाल ने देश के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए। सबसे ज्यादा दुख की बात ये है कि शहीद का परिवार उनके घर आने का इंतजार कर रहा था क्योंकि वो कुछ महीनों में रिटायर होने वाले थे। शहीद अपने पीछे पत्नी,एक बेटा और बेटी छोड़कर गए है।

गंगोलीहाट क्षेत्र के गोपाल सिंह माहरा (49) बुधवार सुबह नगालैंड में आतंकी हमले में शहीद हो गए। इस घटना के सामने आने के बाद पूरे गांव में कोहराम मच गया है। किसे पता था कि नए साल का दूसरा दिन बेटे को उनसे छीन लेगा। शहीद गोपाल सिंह माहरा 24 असम राइफल में तैनात थे। बताया जा रहा है कि  उनका पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार देर शाम तक पैतृक गांव जजौली पहुंचने की संभावना है।

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गोपाल सिंह दशाईथल इंटर कॉलेज से हाईस्कूल करने के बाद  साल 1987 में असम राइफल्स में भर्ती हो गए थे।  गोपाल सिंह के घर में उनकी पत्नी बसंती, 17 वर्षीय पुत्र सौरभ और 14 वर्षीय पुत्री हिमानी है। बेटा सौरभ दिनेशपुर में पॉलिटेक्निक कालेज का छात्र है, जबकि हिमानी सरस्वती शिशु मंदिर कालीनगर में कक्षा नौ में पढ़ती है।  परिवार वालों ने जानकारी दी गोपाल अगले साल रिटायर होने वाले थे।

खबर के सामने आने के बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय भी शहीद के घर पहुंचे और जाकर शोक संवेदना जताकतर परिजनों को ढाढ़स बंधाया। गोपाल सिंह माहरा 4 भाइयों में दूसरे नंबर के थे। उनका परिवार लंबे वक्त से भारतीय सेना में सेवा दे रहा है। बड़े भाई निर्मल माहरा असम राइफल में सूबेदार के पद पर तैनात हैं। तीसरे नंबर के भाई ठाकुर सिंह सेना में पुंछ में तैनात हैं। सबसे छोटे भाई रिपुसूदन माहरा दशाईथल में दुकान चलाते हैं। गोपाल सिंह के पिताजी स्व.त्रिलोक सिंह भी असम राइफल्स में तैनात थे। सेना में उनकी बहादुरी के लिए वीरता पुरस्कार दिया गया था। पांच साल पहले पहले उनका निधन हो गया था।

 

न्यूज सोर्स-अमर उजाला

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