हल्द्वानी: उत्तराखंड रोडवेज के दिन सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। लॉकडाउन के बाद जून के आखिरी हफ्ते में बसों का संचालन शुरू हुआ लेकिन यात्री मिलने में बसों को जूझना पड़ा। धीरे-धीरे हालात पहले से तो अच्छे होने लगे लेकिन उत्तर प्रदेश का सप्ताहिक लॉकडाउन रोडवेज के लिए सिर दर्द बना है। वीकएंड में सबसे ज्यादा यात्री एक जगह से दूसरे जगह जाते हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते बॉर्डर से लोग उत्तराखंड नहीं पहुंच पा रहे हैं। शनिवार-रविवार को यूपी में लॉकडाउन होने से यह खर्चा निकालना भी मुश्किल हो जाता है। हमेशा यात्रियों के लिए भरा रहने वाले हल्द्वानी स्टेशन में रविवार के दिन सन्नाटा पसरा रहा। मजबूरी में कम सवारियां लेकर बसें रवाना करनी पड़ रही थी।
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बता दें कि 25 जून से रोडवेज की बसें दोबारा चलनी शुरू हुई थी। बसों में केवल 50 प्रतिशत यात्रियों को ही बैठाया जा रहा है।हल्द्वानी से फिलहाल बसों का संचालन कुमाऊं के क्षेत्रों के लिए हो रहा है। उत्तर प्रदेश में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड की बसें पुलभट्टा, रुद्रपुर और जसपुर बार्डर से आगे नहीं जा रही। इन तीनों जगहों पर यूपी रोडवेज की बसों का अस्थायी स्टैंड बना है। जहां से लखनऊ, बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, सहारनपुर आदि गंतव्य मार्गों को जाने वाले यात्री यूपी की बसों में सवार होते हैं।
वहीं, दूसरे राज्य में दो दिन वीकली लॉकडाउन होने से कुमाऊं के लोग भी शनिवार-रविवार को सफर करने से दूरी बनाते हैं। रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि पर्वतीय व मैदानी रूट पर करीब अस्सी बसों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा टनकपुर व बनबसा रूट की सवारियां मिलना भी मुश्किल हो रहा है क्योंकि नेपाल ने बार्डर एरिया का गेट बंद किया है। सवारियों में अधिकांश नेपाली लोग होते थे। ऐसे में यह रूट भी रोडवेज की जेब ही ढीली कर रहा है।