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उत्तराखण्ड में आफत बनी बर्फबारी, मुसीबत में सैकड़ों परिवार


नैनीताल: बर्फबारी और उसकी खूबसूरती बातें हर कोई करता है। पर्यटक बर्फ का आनंद लेने के लिए सैकड़ो किलोमीटर की यात्रा करते हैं। तो कोई परिवार के साथ सूकून का वक्त बिताने के लिए बर्फ से ढके पर्यटन स्थलों पर जाना पसंद करते हैं। अपनी इस यात्रा को यादगार बनाते हुए लोग सोशल मीडिया पर भी फोटो अपलोड करते है लेकिन यह बर्फबारी हर किसी के आनंद लेकर नहीं आती है।
किसी के लिए यह ऐसी मुसीबत बन जाती है तो दो वक्त के खाने के लिए तरस रहे हो। पिथौरागढ़ के नामिक और हीरामणि ग्लेशियर की तलहटी पर बसे नामिक के 118 परिवार बर्फबारी के कारण मुसीबत में है। बर्फबारी के चलते रास्ते बंद है और इन गांव के दो पैदल रास्ते बर्फ से ढक गए हैं। पहुंच न होने के कारण गांव का राशन तेजम खाद्य गोदाम और बागेश्वर जिले के गोगिना में डंप होकर रह गया है।
27 किमी लंबे इस पैदल मार्ग में नामिक गांव से 9 किमी की दूरी पर स्थित शेर धार के साथ ही धारापानी, थाला ग्वार आदि स्थानों में बर्फ है।  नामिक के क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह जेम्याल ने जानकारी दी गई है कि  नामिक गांव में तीन से साढ़े तीन फीट बर्फ गिरी है।
नामिक से सात किमी दूरी पर बागेश्वर जिले के गोगिना के पास तक काफी बर्फ गिरी हुई है। इस कारण से घोड़े, खच्चरों को भी  मार्ग में नहीं में परेशानी हो रही है। बर्फ पटे होने के कारण सस्ते गल्ले का करीब 10 क्विंटल राशन गोगिना में डंप है। गांव के लिए मार्च तक का राशन आवंटित हो गया है। शेष राशन गल्ला गोदाम तेजम में पड़ा है। इस कारण से गांव में गेहूं, चावल की जबरदस्त किल्लत हो गई है। गांव के लोग मोटा अनाज मडुवा आदि खाकर गुजारा कर रहे हैं। वही फोन पर बात करने के लिए लोगों को गांव से करीब सवा किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता है।
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