नई दिल्ली: आमतौर पर तो सोशल मीडिया में अक्सर कुछ न कुछ वायरल होता ही रहता है। लेकिन आजकल तो स्कूल से छुट्टी के लिए लिखे अनोखे आवेदन पत्र सुर्खियां बंटोर रहे हैं। दरअसल बिहार राज्य के एक सरकारी स्कूल से अनोखा मामला सामने आया है।
बिहार राज्य के एक शिक्षक का अवकाश आवेदन पत्र सामने आया है जिसमें लिखा है कि “श्रीमान प्रधानाध्यापक महोदय, सादर निवेदन है कि दिनांक 5 दिसंबर दिन सोमवार को मेरी मां मर जाएगी। इसलिए मैं उसके अंतिम संस्कार हेतु 6 दिसंबर से अपने विद्यालय में अनुपस्थित रहूंगा। इसलिए श्रीमान से अनुरोध है कि मेरे अवकाश को स्वीकृत करने की कृपा करें।”
जानकारी के अनुसार ऐसे और भी आवेदन पत्र शिक्षकों द्वारा स्कूल प्रशासन को लिखे जा रहे है। एक शिक्षक लिखते हैं कि “दिनांक 4 दिसंबर से 5 दिसंबर तक मैं बीमार रहूंगा इसलिए इस अवधि के लिए आकस्मिक अवकाश देने की कृपा करें।” तो वही एक और शिक्षक लिखते है कि “7 दिसंबर को एक शादी समारोह में भाग लेने के कारण पेट खराब हो जाएगा इसलिए उस तिथि से आकस्मिक अवकाश पर रहूंगा।”
सूत्रों द्वारा पता चला है कि शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक मुंगेर द्वारा एक पत्र जारी किया गया था। 26 नवंबर को जारी किए गए इस पत्र के चौथे कॉलम में लिखा गया था कि “आकस्मिक अवकाश में जाने के तीन दिन पूर्व आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कराकर ही कोई शिक्षक या कर्मी अवकाश पर रहेंगे।” इसी आदेश से नाराजगी जताते हुए शिक्षक ऐसे आवेदन पत्र लिख आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
इस आदेश पत्र अब तक अलग अलग लोगों के अलग अलग विचार सामने आ रहे हैं। कुछ लोग इसे शिक्षा विभाग की गलती मान आदेश को अविलंब वापस लेने की मांग कर रहे हैं। तो वही कुछ लोगों का मानना है कि विभाग की ओर से जारी पत्र में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है, बल्कि शिक्षक इसे दूसरे रूप में ले रहे हैं। नए निर्देशों के मुताबिक आकस्मिक अवकाश में जाने के तीन दिन पहले आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कराकर ही कोई शिक्षक या कर्मी अवकाश पर रहेंगे। इसलिए जानकर ऐसी एप्लीकेशन लिखी जा रही हैं।