हल्द्वानी: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के लिए होता है। ये दिन महिलाओं के त्याग, समर्पण, भाव, प्रतिभा, संघर्ष और हिम्मत के लिए समर्पित होता है। महिलाओं के ये गुण देखने के लिए हमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है। इन सभी के उदाहरण हमें अपने आसपास ही मिल जाएंगे। हल्द्वानी निवासी खुशबू जोशी भी इन्हीं गुणों को समेटकर महिलाओं की सेवा कर रही हैं। हल्द्वानी की इस बेटी को महिलाओं के स्वास्थ्य की सुध लेने की दिशा में अब कारगिल में सम्मान मिला है। लेकिन कहते हैं ना कि एक अकेला थक जाएगा मिलकर बोझ उठाना, साथी हाथ बढ़ाना। इसलिए महिलाओं की सेवा के लिए आपको और हमें आगे आने की जरूरत हैं। आगे पढ़ें…
हल्द्वानी छड़ायल नायक निवासी खुशबू जोशी की सातवीं कक्षा तक की पढ़ाई उदयपुर से पूरी हुई है। इसके बाद उन्होंने हल्द्वानी के आर्यमान विक्रम बिरला स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की। बाद में खुशबू ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में बीए ऑनर्स और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से एमए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। एक बेटी होकर तमाम बेटियों को बीमारियों के अंधकार से बचाने का काम कर रही हैं। जिस समाज में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर हर कोई चुप्पी साधे बैठा रहता है। माहवारी (पीरियड्स) के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता। वहीं, खुशबू जोशी इस दिशा में साल 2019 से अपने प्रोजेक्ट शोक्पा (SHOQPA) के माध्यम से काम कर रही है।
खुशबू किशोरियों को माहवारी समेत महिलाओं के निजी स्वास्थ्य के बारे में जागरूक कर रही हैं। वह अपनी पूरी टीम के साथ सैनिटरी पैड्स समेत कई मेंस्टूरल प्रोडक्ट्स को भी बांट रही हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि हमारा समाज एक ऐसा समाज है जो बेटियों और महिलाओं के प्रति सदा से लापरवाह रहा है। यहां बेटियों को पराया धन समझकर शादी की जाती है। फिर ये उम्मीद की जाती है कि महिलाएं उनके वंश हो आगे बढ़ाएंगी। लेकिन खुशबू जोशी इस परंपरा को तोड़कर आगे बढ़ रही हैं। खुशबू जोशी के मुताबिक किशोरियों को आज भी रिप्रोडक्टिव सिस्टम, अपने निजी स्वास्थ्य के बारे में जानकारी नहीं है। शोक्पा इन्हीं बच्चियों को जागरूक करने के साथ साथ उन्हें बीमारियों से बचा रहा है।
खुशबू अपनी टीम के साथ किशोरियों को ऐसे सैनिटरी पैड्स बांट रही हैं जो दो साल तक इस्तेमाल किए जा सकते हैं। अब खुशबू जोशी आगे भी इसी तरह से काम करना चाहती हैं। वह कहती हैं कि उन्हें हल्द्वानी व हमारे पहाड़ों के लिए भी काम करना है। इसी नेक काम की वजह से खुशबू को कारगिल में सम्मान मिला है। उन्हें सोनम वांग्चुक (थ्री इडियट फेम फुनसुख वांगड़ू) द्वारा सम्मानित किया गया है।
आपसे सहयोग की दरकार
अब शोक्पा को आपकी और हमारी जरूरत है। महिलाओं को हमारी जरूरत है। छोटी बेटियों को हमारी जरूरत है। अगर हम नहीं तो बच्चियों के स्वास्थ्य की बात कोई नहीं करेगा। बता दें कि शोक्पा ने फंड रेजर शुरू किया है। जिसमें आप अपनी क्षमता के अनुसार सहयोग कर सकते हैं। आपकी छोटी से छोटी मदद से बेटियों को पढ़ाई, स्वास्थ्य जागरुकता के लिहाज से मजबूती मिल सकती है। अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। इसी के साथ निम्नलिखित लिंक पर क्लिक कर आप अपना सहयोग दे सकते हैं। याद रखिएगा…छोटी मदद भी बेटियों को सशक्त करने का काम करेगी।