नई दिल्ली- तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की लहर पूरी तरह से हावी थी। जी हम बात कर रहे विज्ञापन की लहर की। उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनावों के लिए टीवी, रेडियो और प्रिंट मीडिया में कैंपेन चलाने के मामले में बीजेपी ने सभी राजनीतिक पार्टियों को पीछे छोड़ दिया है। TAM मीडिया रिसर्च की इकाई ऐडेक्स इंडिया से मिले आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल नवंबर से लेकर 4 फरवरी 2017 तक तीन माध्यमों पर तीनों राज्यों के लिए सभी राजनीतिक विज्ञापनों में बीजेपी का हिस्सा 59% रहा। ये आंकड़े केवल भाजपा के इसमें कोई गंठबन्धन पार्टी की भागेदारी नही है।वही बात टीम एनडीए की करें तो कुल विज्ञापनों में अकाली दल-बीजेपी का हिस्सा 11% रहा। इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने विधानसभा चुनावों के दौरान विज्ञापन पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। हालांकि इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी। बीजेपी के एक प्रवक्ता ने ईटी के एसएमएस और कॉल्स का जवाब नहीं दिया।
वहीं, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के ऐड वॉल्यूम्स मिलकर भी बीजेपी के आंकड़े के आधे तक भी नहीं पहुंच रहा है। टोटल पॉलिटिकल कैंपेन में एसपी के विज्ञापनों का हिस्सा 13%, बीएसपी का 12% और कांग्रेस का आंकड़ा करीब 4% रहा।जनवरी के दौरान राजनीतिक दलों ने विज्ञापन में सबसे ज्यादा निवेश किया। टीवी चैनलों पर कुल 27,133 विज्ञापन प्रसारित किए गए, वहीं रेडियो पर 11,722 ऐड स्पॉट्स प्ले किए गए और 2,797 विज्ञापन प्रिंट मीडिया में जारी किए गए। इसके पहले नवंबर में सभी टीवी चैनलों पर कुल 5,754 विज्ञापन, रेडियो पर 3212 और प्रिंट मीडिया में 1,092 विज्ञापन जारी किए गए। नोटबंदी के बाद दिसंबर में राजनीतिक प्रचार कम रहा। टीम भाजपा हर चुनावों में मोदी लहर की बात करती है लेकिन इन चुनावों में पीएम की लहर से ज्यादा पार्टी के विज्ञापन की लहर सुर्खिया बन रही है।