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जरूरी सूचना: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे से यात्रा करने पर कितना देना पड़ेगा टोल !

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Dehradun: Delhi: Toll: Expressway: निर्माणाधीन दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे को लेकर टोल टैक्स की संभावित दरों का मसौदा तैयार कर लिया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा प्रस्तावित यह शुल्क एक्सप्रेसवे के पूरी तरह चालू होने के बाद लागू किए जाने की संभावना है। इसके बाद राजधानी दिल्ली से देहरादून तक सफर करने वाले यात्रियों को यात्रा खर्च में बदलाव देखने को मिल सकता है।

करीब 212 किलोमीटर लंबे इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की शुरुआत दिल्ली के अक्षरधाम क्षेत्र से होगी और यह बागपत, शामली और सहारनपुर से होते हुए देहरादून तक जाएगा। फिलहाल अक्षरधाम से बागपत तक लगभग 32 किलोमीटर का हिस्सा ट्रायल रन के लिए खोला गया है, जहां अभी किसी भी प्रकार का टोल नहीं वसूला जा रहा है।

पाँच टोल प्लाज़ा होंगे स्थापित

पूरे एक्सप्रेसवे पर लगभग पाँच टोल प्लाज़ा बनाए जाने का प्रस्ताव है। इन्हीं टोल प्लाज़ा के आधार पर अलग-अलग दूरी के लिए टोल शुल्क तय किए गए हैं। हालांकि ये दरें अभी प्रस्तावित हैं और आधिकारिक रूप से एक्सप्रेसवे के पूर्ण रूप से खुलने के बाद ही लागू होंगी।

संभावित टोल दरें (दिल्ली से यात्रा पर)

प्रस्ताव के अनुसार कार, लाइट कमर्शियल और भारी वाहनों के लिए टोल शुल्क इस प्रकार हो सकता है:

दिल्ली से काठा तक
कार: ₹232 | हल्का वाणिज्यिक वाहन: ₹376 | बस/भारी वाहन: ₹788

दिल्ली से रसूलपुर तक
कार: ₹417 | हल्का वाणिज्यिक वाहन: ₹676 | बस/भारी वाहन: ₹1,418

दिल्ली से गणेशपुर तक
कार: ₹563 | हल्का वाणिज्यिक वाहन: ₹912 | बस/भारी वाहन: ₹1,912

दिल्ली से देहरादून तक
कार: ₹670 | हल्का वाणिज्यिक वाहन: ₹1,085 | बस/भारी वाहन: ₹2,275

एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे के संचालन के समय इन दरों में हल्का संशोधन भी किया जा सकता है।

FASTag से होगा भुगतान

टोल शुल्क का भुगतान मुख्य रूप से FASTag के जरिए किया जाएगा, जैसा कि देश के अन्य प्रमुख एक्सप्रेसवे पर किया जा रहा है। हालांकि टोल प्लाज़ा पर कैश भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध रह सकती है, लेकिन FASTag से भुगतान अधिक तेज़ और सुविधाजनक होगा।

यात्रा और ट्रैफिक पर प्रभाव

टोल लागू होने के बाद दिल्ली-देहरादून कार यात्रा की कुल लागत में इजाफा हो सकता है। वहीं, भारी और वाणिज्यिक वाहनों के लिए बढ़े हुए शुल्क का असर लॉजिस्टिक्स और परिवहन लागत पर पड़ने की संभावना है। दूसरी ओर, एक्सप्रेसवे शुरू होने से पुराने राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रैफिक दबाव कम होने और यात्रा समय घटने की उम्मीद जताई जा रही है।

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