देहरादून: प्रदेश की भाजपा टीम यूपी की भाजपा टीम की राह पर चल पड़ी है । जिस तरह यूपी में मीट की बिक्री पर सख्त कानून लाए जा रहे है, उसी दिशा में उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार ने भी अपने पांव बढ़ा दिए है। उत्तर प्रदेश में बुचड़खानों पर सीएम योगी का प्रहार आभी भी सुर्खियों में है। वही अब त्रिवेंद्र सरकार भी कुछ इसी तरह का माहौल बनाने पर जुट गई है।प्रदेश में अब खुले में मांस नहीं बेचा जाएगा। सरकार ने साफ कर दिया है कि जिनके पास परमिट है उन्हें भी खुले में मांस बेचने की आजादी नहीं मिलेगी। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने साफ किया की इस बात को हल्के में लेने वालों के लिए कोई माफी नहीं है और अगर कार्रवाई से बचना है तो अभी से इस काम को रोक दे। बता दे कि खुले में मांस बेचने से बीमारियों के फैलने का डर भी ज्यादा रहता है और सरकार राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पर खास ध्यान दे रही है। सरकार ने इस मुहिम को एक जागरूकता मिशन के तौर पर भी इस्तेमाल करना चाहती है और इस बारे में मदन कौशिक ने बताया। उन्होंने कहा कि जो व्यापारी और अधिकारी इस आदेश को गंभीरता से लें। लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि जो मांस विक्रेता सरकार के मानकों को पूरा करते हैं उन्हें जल्द ही मांस बिक्री के लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
अब भाजपा सरकार की इस बात से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूपी और उत्तरप्रदेश सरकार दोनों से तलमेल के साथ काम करना चाहती है। ये इसलिए भी दोनों ही राज्यों की ग्रामीण इलाकों में इस तरह के कारोबार गैरकानूनी तरीके से चल रहे है। इसके अलावा बीमारियां भी लोगों को अपना शिकार बना रही है। इसके अलावा सरकार अपनी नई कार्य प्रणाली से लोकसभा चुनाव पर भी नजर बनाए हुए है । पीएम मोदी ने हमेशा ही देश में स्वच्छता को लेकर अपनी पार्टी से पूरे देश में जागरूकता मिशन चलाने को कहा है और इन सभी को उस दृष्टि से भी देखा जा सकता है।