हल्द्वानी– एक तरफ लोग नोटबंदी से परेशान है दूसरी ओर शहर में रोडवेज़ कर्मचारी यूनियन की हडताल के कारण लोगों की परेशानी में बढ़ोतरी कर दी है। कर्मचारियों की स्ट्राइक के कारण उत्तराखण्ड परिवहन निगम की आधी से ज्यादा बसों के पहिये जाम रहे है। हड़ताल पर गए कर्मचारियों की मांग है कि आउटसोर्स कर्मियों को संविदा पर नियुक्त किया जाए। इस हड़ताल के कारण 70 पतिशत बसों का संचालन बंद रहा और हजारों मुसाफिरों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। कुमाऊं मंडल की कुल 659 बसों मेंं से केवल 251 ही चल पाई। सबसे ज्यादा दिक्कत शहर से पहाड जाने वाले लोगों को आई। स्टेशन पर कुछ बसें चलने को तैयार थी लेकि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों ने ड्राइवर और कंडक्टर को बाहर निकाल दिया। हल्द्वानी से अलमोड़ा,दिल्ली,देहरादून,टनकपुर और पिथौडागढ़ जाने वाली कई बसों का संचालन ठप रहा।
इस विषय में सीएम हरीश रावत ने गुरुवार देर रात यूनियन के प्रतिनिधिमंडल के साथ बात की। सीएम हरीश रावत ने एक हफ्ते में कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया जिसके बाद यूनियन ने हड़ताल को एक हफ्ते के लिए टाल दिया है। इससे पहले यूनियन ने आरोप लगाया था कि सरकार ने कई बार आश्वाशन दिया है लेकिन वो बाद में अपनी बात से मुकर जाते है। वही क्षेत्रीय प्रबंधक कुशीराम ने कहा कि इस हड़ताल के कारण कई लोगों को परेशानी हुई है और आधी से ज्यादा बसों का संचालन नही हुआ। उन्होंने कहा हड़ताल अब टल गई है शुक्रवार से को स्थिति सामान्य रहेगी।
न्यूज सोर्स- हिन्दुस्तान