हल्द्वानी: उरी हमले के जवाब में भारतीय सैनिकों द्वारा पीओके में की गई सर्जिकल स्ट्राइक भी नेताओं की जुबान में है।सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देश के सैनिकों ने किया, जान जोखिम में उनकी थी तो इसमें राजनीतिक फायदा कोई कैसे खोज सकता है? क्या सेना देश की है या केन्द्र सरकार की? मोदी सरकार के कुछ लोगों को तो सेना की सफल कार्रवाई अपनी कामयाबी ही लग रही है। तभी नैनीताल से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं से पाकिस्तान पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को चुनावी अभियान का हिस्सा बनाने को कहा। हल्द्वानी में मंगलवार को कमलुवागांजा स्थित एक बैंक्वेट हॉल में सांसद भगत सिंह कोश्यारी भाजपा नैनीताल की जिलाकार्यसमिति को संबोधित करते हुए ये बात कही। भगत सिंह कोश्यारी जी का राजनीतिक कद काफी बड़ा है और उनके अनुभव को कभी नजरअंदाज नही किया जा सकता लेकिन इस तरह का बयान कोश्यारी जी जैसे बुद्धिजीव राजनीतिक खिलाड़ी को शोभा नही देता। उत्तराखण्ड 2017 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे पूर्व सीएम ने हल्द्वानी में कार्यकर्ताओं को पूर्व सैनिकों के बीच इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा फैलाने के निर्देश दिए। कोश्यारी जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस बात को भी भूल गए जिसमें उन्होंने अपने मंत्रियों और सांसदों से चुनावी फायदे के लिए सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे बयानबाजी न करने कहा था। इस मुद्दे पर भाजपा अपने चुनावी फायदा ढूंढ रही है और इस कारण सोशल मीडिया में भी उसकी आलोचना हुई है। आलोचना के बाद भाजपा नेता सुधरने का नाम नही रहे है। खासकर उत्तराखण्ड में जहां मार्च-अप्रैल में भाजपा पर काली राजनीति कर विधानसभा भंग करने के आरोप लगे थे। कोश्यारी जी ये दांव आपकी पार्टी के पक्ष में कम उसके खिलाफ ज्यादा जा सकता है।
कोश्यारी ने कहा कि चुनाव से पहले टिकट को लेकर मेतभेत नही होने चाहिए। पार्टी एक परिवार की तरह है और उसकी एकता हमारी जिम्मेदारी है। और एकता ही जीत का मुख्य हथियार है।