Sports News

13 साल पहले की हार आज भी रुलाती थी, विश्वकप 2007 का बदला पूरा


नई दिल्ली: 18 मार्च 2018: भारत ने हीरो निदास टी-20 ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश को 4 विकेट से हराकर एतिहासिक जीत दर्ज की। भारत को जीत के लिए दो ओवर में 34 रनों की दरकार थी। मनीष पांडे के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने उतरे दिनेश कार्तिक ने मैच का रुख ही बदल दिया। उन्होंने मात्र 8 गेंदों में 29 रनों की पारी खेल भारत को शानदार जीत दिलाई।

भारत की यह बांग्लादेश पर टी-20 में लगातार आठवीं जीत है>भारत की जीत के बाद सोशल मीडिया पर फैंस ने अपनी खुशी इजहार किया। इस जीत के बाद फैंस ने टीम इंडिया के बड़ा ही शनदार वाक्या निकाला है जिसने इस जीत को बदला बना दिया है। साल 2007 विश्वकप याद है ना 17 मार्च को बांग्लादेश ने भारत को लीग मैच में मात दी थी। इस हार के कारण भारत विश्वकप के पहले दौरे से ही बाहर हो गया था। इस हार को भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी हार कहा जाता है।

Join-WhatsApp-Group

हीरो निदास टी-20 ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 167 रन का लक्ष्य था। शब्बीर रहमान की 77 रनों की पारी के बदौलत बांग्लादेश की टीम के भारत को 167 रनों का लक्ष्य दे पाई। एक वक्त पर बांग्लादेश ने 33 रन पर चोटी के तीन विकेट गंवा दिये थे।बांग्लादेश की ओर से तमीम इकबाल ने 15, लिटन दास ने 11 और महमूदुल्लाह ने 21 रन बनाए।

भारत की ओर से जयदेव उनादकट ने भी दो विकेट लिए जबकि वॉशिंगटन सुंदर ने एक सफलता पाई।महमूदुल्लाह और कप्तान शाकिब अल हसन (7) रन आउट हुए। अंतिम ओवर में मेहदी मिराज हसन ने ताबड़तोड़ अंदाज में खेलते हुए सात गेंदों पर दो चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 19 रन बनाए। टीम इंडिया की ओर से युजवेंद्र चहल ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए।

अब अंतिम छह गेंदों पर 12 रन की दरकार थी जो विजय शंकर (17) के आउट होने से अंतिम गेंद पर पांच रन पहुंच गया। सौम्या सरकार की इस गेंद पर कार्तिक ने कवर के ऊपर से छक्का लगाकर किसी टी-20 टूर्नामेंट के फाइनल में भारत को तीसरी जीत दिलायी। भारत ने छह विकेट पर 168 रन बनाये जिसमें कप्तान रोहित शर्मा की 46 गेंदों पर खेली गयी 56 रन की पारी भी शामिल है।

To Top