बागेश्वर: पालतू पशुओं को आसानी से सभी सरकारी लाभ मिल जाएं, इसके लिए एक प्लान बनाया गया है। ठीक गाय-भैंसों की तरह अब भेड़-बकरियों को एक आधार नंबर के जरिए पहचाना जाएगा। इसकी तैयारी राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत शुरू की गई है। इसके तहत सभी भेड़-बकरियों की ईयर टैगिंग होगी।
बागेश्वर में 122875 भेड़-बकरियां हैं। इनमें 1,02,075 बकरी और 20,800 भेड़े हैं। पशुपालन विभाग के पास 1,22,875 टैग पहुंचने के बाद कार्य शुरू हो गया है। कर्मचारी घर-घर जाकर चार माह से अधिक उम्र के भेड़, बकरियों की ईयर टैगिंग कर रहे हैं। एनएडीसीपी के तहत पशुओं को इलाज का लाभ मिलता है। साथ ही कई सरकारी योजनाओं के लाभ में भी इस टैगिंग से फायदा होगा।
भेड़-बकरियों का सारा रिकॉर्ड एनएडीसीपी के पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। इसमें मुख्य तौर पर भेड़ों-बकरियों की उम्र और पालने वाले का नाम और पता भी ऑनलाइन दर्ज होगा। जिसके बाद भेड़ों-बकरियों को 12 डिजिट का आधार नंबर का छल्ला कान में पहनाया जाएगा। जिससे कई तरह के फायदे उन्हें मिल सकेंगे।
क्या होंगे फायदे
1. इसके जरिये भेड़-बकरियों के बीमा और लोन की सुविधा भी मिलेगी।
2. भेड़-बकरियों के आधार नंबर बनने से खुरपका-मुंहपका टीका लगाने में सुविधा मिलेगी।
3. एनएडीसीपी के तहत गोवंश और महिष वंश की तरह भेड़-बकरी को भी टैग लगने के बाद टीके लगाए जाएंगे।
4. साथ ही पशुओं के अन्य रोगों की जांच भी की जाएगी।
5. पशुओं को चराने ले जाने पर उनके खोने की आशंका कम हो जाएगी।
6. आधार नंबर मिलने के बाद खोए पशुओं को ढूंढने में आसानी होगी।
जानकारी के मुताबिक पशु पालन विभाग को भेड़-बकरियों के आधार नंबर मिल चुके हैं। सरकार के आदेशों के बाद घर-घर जाकर ईयर टैगिंग के काम को आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बागेश्वर डॉ. उदय शंकर ने बताया कि भेड़-बकरी पालकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त होगा। जिले में 80 प्रतिशत गौ और महिष वंशीय पशुओं को आधार नंबर मिल गया है।
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