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उत्तराखंड सरकार ने हटाया पूर्वी पाकिस्तान शब्द,कैबिनेट के फैसलों पर डाले नजर

देहरादून:सुबह से पूरे उत्तराखंड की नजर कैबिनेट बैठक पर थी। कोरोना काल में सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है। इसके अलावा चुनाव को देखते हुए भी सरकार जनता की हवा को अपनी ओर करने में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 21 प्रस्ताव आये, जिसमे से 20 प्रस्तावों पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। बैठक में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, रेखा आर्य, धन सिंह, सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, गणेश जोशी, यशपाल आर्य और अरविंद पांडेय शामिल रहे।

राजकीय नर्सिंग विद्यालय, बाजपुर में 70 पदों को सृजित किए जाने पर मंत्रिमंडल ने लगाई मुहर।

– हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करते हुए महाराणा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय करने का निर्णय लिया है।

– विश्वविद्यालय में मौजूद 4 तरह के अस्थाई अध्यापकों के सभी को ₹35000 देने का निर्णय।

इन प्रस्तावों पर कैबिनेट में लगी मुहर

– लेखा ऑडिट संबंधित मामले को डिफर किया गया है।

– बंगाली समुदाय के लोगों के जाति प्रमाण पत्र में पूर्वी पाकिस्तान शब्द का प्रयोग जाता था। जिसको अब हटा दिया गया है। उत्तरप्रदेश की तर्ज पर लिया गया है निर्णय।

– सिंचाई विभाग में मेंट को समूह ग सेवा नियमावली में सम्मिलित किया गया।

– फ्लोटिंग सोलर पावर यूनिट को स्थापित करने का लिया गया निर्णय।

– डेरी विकास अधीनस्थ सेवा का किया गया गठन।

– बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए पीएमसी के गठन का लिया गया निर्णय।

– बद्रीनाथ में फेस वन के तहत होने वाले कार्य के लिए 9 सरकारी कार्यालय प्रभावित हो रहे हैं जिसके ध्वस्तीकरण करने का मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है।

– उत्तराखंड नगर निकाय प्राधिकरण के अतिक्रमण के लिए लिए गए फैसले को अब 6 सालों तक बढ़ाया गया।

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