हल्द्वानी: कोरोना का प्रकोप जिंदगियों की कीमत समझा रहा है। जिन बातों पर हमने कभी ध्यान भी नहीं दिया, उनपर फोकस करा रहा है। लिहाजा ऑक्सीजन लेवल के बारे में भी पहले वही लोग जानते थे जो या तो खुद अस्पताल में रहे हों या जिनके घर में किसी को कोई तकलीफ रही हो। मगर इस कोरोना काल में हर किसी को पता चल गया कि ऑक्सीजन लेवल कितना होना बेहतर है और कितना होना खतरे की घंटी।
खैर, कोरोना के लक्षणों की बात करें तो उसमें भी बदलाव आए हैं। समय के साथ इस वायरस ने अपने लक्षणों को भी बदल लिया है। अब आंखों में जलन, दस्त, ऑक्सीजन लेवल कम होना संक्रमण की ओर इशारा कर रहे हैं। संक्रमित व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह पर अस्पताल में भर्ती या होम आइसोलेशन में भेजा जा रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग का इमरजेंसी नंबर 104 भी बहुत कारगर साबित हो रहा है।
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इमरजेंसी नंबर पर संपर्क करने या ई-संजीवनी एप के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण करने के बाद कई सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है। इसके माध्यम से डॉक्टर ऑनलाइन परामर्श देंगे। कॉल कर आप ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के उपचार जान सकते हैं (यदि लेवल 94 से कम है)। डॉक्टर के परामर्श के आधार पर मरीज को उचित इलाज दिया जाना चाहिए।
बता दें कि ऑक्सीजन लेवल का कम होना मतलब पूरी तरह सांस ना ले पाने से होता है। अगर किसी व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे जाता है तो हाइपोक्सेमिया की समस्या बन सकती है। लेवल 90 से नीचे है तो व्यक्ति को तुरंत इलाज की ज़रूरत है। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर संबंधित व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई और सीने में दर्द होने लगता है। ऐसे में अगर आपको कोई लक्षण हैं या ऑक्सीजन लेवल संबंधी कोई परेशानी है तो आप 104 पर संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं।
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