हल्द्वानी:चमोली आपदा पर पूरे देश की नजर है। रविवार से करीब 30 से ज्यादा लोग टनल में फंसे हुए हैं और युद्ध स्तर पर रेस्क्यू चल रहा है। लापता लोगों की सूची 197 से बढ़कर 206 हो गई है। अब तक 16 लोगों को बचाने में सेना को कामयाबी मिली है। जो लोग लापता हैं उनकी सलामती के लिए पूरा देश दुआं मांग रहा है। अपनों को खोने का डर लोगों को सता रहा है। उनकी निगाहें नए अपडेट पर है। जोशीमठ और आस पास के गांवों के लोगों के वे लोग जो परियोजना में कार्यरत हैं। वे भी इस टनल में फंसे हैं । उनके परिजनों की भी यही सवाल है कि हमारे लोग जो सुरंग के अंदर फंसे हैं कब सुरक्षित बाहर आएंगे। इसको लेकर लोग बैचेन हैं।
ऐसा ही हाल हो रहा है पोखरी मसोली गांव के रहने वाले अजय नेगी के परिवार का। उनकी बहन की शादी ढाई साल पहले ही सत्यपाल बर्तवाल से हुई थी। वह तपोवन में इलेक्ट्रिशयन के रूप में तैनात थे। बाढ़ के बाद से वह लापता हैं। बहन अजय को बार-बार फोन कर पूछ रही है कि भैजी, त्यार जिजाजी कन छीं ? ठीक छीं न ? अजय कहते हैं कि कुदरत ना जाने किस जन्म का बदला हमसे ले रही है। बस भगवान से दुआं कर रहा हूं कि जीजा जी सकुशल मिल जाए…
तपोवन में आई बाढ़ में ताराचंद बाल बाल बच गए लेकिन वह अभी भी डरे हुए हैं। ताराचंद तपोवन प्रोजेक्ट में मोटर आपरेटर के रूप में नियुक्त थे। रविवार के दिन वो साइट से कुछ ऊंचाई वाले क्षेत्र में मोटर चला रहे थे। उन्होंने बताया कि काम के दौरान उन्होंने अचानक मैने धमाके की आवाज सुनी। ऐसी तेज आवाज कभी सुनी नहीं थी और उसके बाद बाढ़ आई और देखते हुए देखते उसने सभी कुछ तबाह कर दिया। कुछ लोग नीचे काम कर रहे थे तो उन्होंने सभी को आवाज देकर आगाह के लिए शोर मचाया लेकिन जब तक वह समझते तब तक पानी के बहाव ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया।