नई दिल्ली: आईपीएल इतिहास की सबसे कामयाब टीम चेन्नई सुपरकिंग्स है। इस टीम को कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2008 से सिंचना शुरू किया था और उसके बाद ये टीम कामयाबी का फल दे रही है। 11 आईपीएल सीजन में ये टीम 9 खेली है, 7 बार फाइनल में जगह बनाई और तीन बार उस पर कब्जा भी किया। आईपीएल सीजन-11 के फाइनल में सीएसके ने सनराइजर्स हैदराबाद को आठ विकेट से हरा तीसरी बार खिताब पर कब्जा किया।
खिलाड़ी बदले साल बदला लेकिन कप्तान नहीं बदला ना नहीं टीम की जीतने की आदत। चेन्नई की टीम ने आईपीएल के इतिहास में 9 बार नॉक आउट में जगह बनाई। टीम साल 2016 और 2017 के आईपीएल से बाहर हुआ लेकिन वापसी करते हुए खिताब को अपने नाम कर आईपीएल में अपनी बादशाहत को कायम रखा।
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आईपीएल सीजन-11 से पहले हर कोई इस टीम को बुढ़े खिलाड़ियों की सेना बोल रहा था लेकिन टीम ने परवाह ना करते हुए मैच दर मैच अपने प्रदर्शन को ना सिर्फ अच्छा किया बल्कि अपने फैंस को भरोसा जिताया कि खिताब पर हक केवल उनका है।कप्तान धोनी से लेकर सभी खिलाड़ियों ने 16 मैचों में टीम की नैया पार लगाई, हर खिलाड़ी ने अपने दायित्व को समझा। ऐसा केवल केवल वहीं टीम करती है जिसका कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हो।
क्रिकेट में काफी कम ही ऐसे खिलाड़ी होते है जिन्होंने बतौर कप्तान और खिलाड़ी अपनी इतनी गहरी छाप इस खेल पर छोड़ी होगी। आईपीएल सीजन-11 में धोनी के बल्ले से 16 मैचों में 455 रन निकले। चेन्नई की ओर से धोनी तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बनें। इस दौरान उन्होंने 30 छक्के भी लगाए और उनका स्ट्राइक रेट 150 से अधिक रहा।
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महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर साबित किया कि कप्तानी में उनका कोई मुकाबला नहीं है। उन्हें अपने खिलाड़ियों से बेस्ट निकालना आता है और ये कला उन्हें भगवान ने दी है। वहीं सीएसके की ओर से सबसे ज्यादा रन फाइनल मुकाबले में शतक बनाकर खिताब जीताने वाले शेन वॉट्सन ने बनाए। वॉट्सन ने 15 मैचों में 535 रन बनाए और उनका स्ट्राइक रेट 152.85 रहा।